माता तुलसी जी को वृंदावनी, वृंदा, विश्व पूजिता, विश्व पावनी, पुष्पसारा, नन्दिनी, कृष्ण जीवनी और तुलसी आदी कई अन्य नामों से भी पुकारा जाता है ! Tulsi Mata Ki Aarti के बाद इन आठ नामों का स्मरण करना चाहिए !
Tulsi Mata Ki Aarti In Hindi
श्री तुलसी माता की आरती हिंदी में
माँ तुलसा जी आरती, तुलसा जी आरती, माता तुलसी की आरती, तुलसा आरती
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श्री तुलसी माता की आरती
(Shri Tulsi Mata Ki Aarti )
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।। (१)
सब योगों के ऊपर,
सब रोगों के ऊपर I
रुज से रक्षा करके भव त्राता II
जय जय तुलसी माता..(२)
बटु पुत्री हे श्यामा,
सुर बल्ली हे ग्राम्या ।
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे,
सो नर तर जाता ।।
जय जय तुलसी माता..(३)
हरि के शीश विराजत,
त्रिभुवन से हो वन्दित ।
पतित जनो की तारिणी विख्याता ।।
जय जय तुलसी माता..(३)
लेकर जन्म विजन में,
आई दिव्य भवन में ।
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता ।।
जय जय तुलसी माता..(४)
हरि को तुम अति प्यारी,
श्याम वरण तुम्हारी ।
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता ।।
जय जय तुलसी माता..(५)
।। इति श्री तुलसी माता की आरती सम्पूर्ण ।।
प्रतिदिन तुलसी दर्शन व से पूजा करने से पापों से मुक्ति और यज्ञ, जप, हवन करने का पुण्य प्राप्त होता है ! पद्म पुराण के अनुसार नर्मदा दर्शन गंगा स्नान और तुलसी पत्र का स्पर्श ये तीनो समान पुण्य वाले होते हैं !
कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है ! देवउठनी एकादशी को तुलसी जी और शालिग्राम का विवाह करने से कन्या दान का फल प्राप्त होता है !
तुलसी और गंगाजल को इतना पवित्र माना जाता है की ये कभी भी बासी नहीं होते ! हर घर में तुलसी का पोधा अवश्य होना चाहिए !
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