माँ Shri Vindhyeshwari Aarti सुबह शाम दोनों समय माता के मंदिर में बड़े ही विधि विधान से की जाती है ! नवरात्रों में माता विन्ध्येश्वरी की आरती के साथ साथ दुर्गा चालीसा का पाठ मां विंधेश्वरी चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है !
Shri Vindhyeshwari Aarti in Hindi
श्री विन्ध्येश्वरी जी की आरती हिंदी में
दोनों नवरात्रों में माता रानी के प्रांगन में विशाल मेलों का आयोजन किया जाता है ! दूर-दूर से लोग नवरात्र में मां के दर्शन करने के लिए आते हैं ! एवं छोटे बच्चों के जडुले भी माता के नवरात्रों में सपरिवार आकर उतारे जाते हैं ! सुबह शाम दोनों समय जहाँ Shri Vindhyeshwari Aart होती है वहां सुख, समृधि, वैभवता का वास होता हैं !
माँ विन्ध्येश्वरी जी की आरती, माता विन्ध्येश्वरी की आरती,
विन्ध्येश्वरी आरती
-: अन्य आरती संग्रह :-
शनिदेव की आरती
गंगा मां की आरती
श्री गणेश जी की आरती
जीण माता जी की आरती
श्री लक्ष्मी जी की आरती
खाटू श्याम बाबा की आरती
*************************
माँ विन्ध्येश्वरी जी की आरती
(Shri Vindhyeshwari Aarti)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
कोई तेरा पार ना पाया I
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले तेरी भेट .चढ़ाया II (१)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी I
साड़ी चोली तेरी अंग विराजे,
केसर तिलक लगाया II (२)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी I
नंगे पग माँ अकबर आया,
सोने का छत्र चढ़ाया II (३)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी I
उँचे पर्वत बन्यो देवालय,
नीचे शहर बसाया II (४)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी I
सतयुग, द्वापर, त्रेता मध्ये,
कलयुग राज सवाया II (५)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी I
धूप दीप नैवेद्य आरती,
मोहन भोग लगाया II (६)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी I
ध्यानू भगत मैया तेरे गुण गाया,
मनवांछित् फल पाया II (७)
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी (टेक)
II इति श्री विन्ध्येश्वरी आरती सम्पूर्ण II
Related
2 Comments
[…] विन्ध्येश्वरी माता जी की आरती […]
[…] विन्ध्येश्वरी माता की आरती […]