Shree Kuber Chalisa Hindi Me : श्री कुबेर चालीसा हिंदी में
श्री धनेश चालीसा, कुबेर जी का चालीसा, कुबेर जी भगवान का चालीसा
रावण, कुंभकर्ण और विभीषण कुबेर जी के सौतेले भाई थे ! कुबेर जी को धन के स्वामी (धनेश) और धनवानता के देवता माने जाते हैं ! दीपावली पूजन में गणेश जी लक्ष्मी जी की पूजा के साथ Shree Kuber Chalisa और कुबेर मंत्र “ॐ शं कूबेराय नमः” का जप अवश्य करना चाहियें !
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श्री कुबेर चालीसा
(Shree Kuber Chalisa)
॥ दोहा ॥
जैसे अटल हिमालय,
और जैसे अडिग सुमेर I
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै,
अविचल खड़े कुबेर II (१)
विघ्न हरण मंगल करण,
सुनो शरणागत की टेर I
भक्त हेतु वितरण करो,
धन माया के ढ़ेर (२)
॥ चौपाई ॥
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी,
धन माया के तुम अधिकारी I (१)
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी,
पवन वेग सम सम तनु बलधारी II (२)
स्वर्ग द्वार की करें पहरेदारी,
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी I (३)
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी,
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी II (४)
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं,
युद्ध करैं शत्रु को मारैं I (५)
सदा विजयी हो कभी ना हारैं,
भगत जनों के संकट टारैं II (६)
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता,
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता I (७)
विश्रवा पिता इडविडा जी माता,
विभीषण भगत आपके भ्राता II (८)
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया,
घोर तपस्या करी तन को सुखाया I (९)
शिव वरदान मिले देवत्य पाया,
अमृत पान करी अमर हुई काया II (१०)
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में,
देवी देवता सब फिरे साथ में I (११)
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में,
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में II (१२)
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं,
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं I (१३)
शंख मृदंग नगारे बाजैं,
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं II (१४)
चौंसठ योगनी मंगल गावैं,
ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं I (१५)
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं,
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं II (१६)
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं,
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं I (१७)
पुरुषोंमें जैसे भीम बली हैं,
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं II (१८)
भगतों में जैसे प्रहलाद जी बड़े हैं,
पक्षियों में जैसे गरुड़ जी बड़े हैं I (१९)
नागों में जैसे शेष जी बड़े हैं,
वैसे ही भगत कुबेर जी बड़े हैं II (२०)
कांधे धनुष हाथ में भाला,
गले फूलों की पहनी माला I (२१)
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला,
दूर दूर तक होए उजाला II (२२)
कुबेर देव को जो मन में धारे,
सदा विजय हो कभी न हारे I (२३)
बिगड़े काम बन जाएं सारे,
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे II (२४)
कुबेर गरीब को आप उभारैं,
श्री कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं I (२५)
कुबेर भगत के संकट टारे,
श्री कुबेर शत्रु को क्षण में मारे II (२६)
शीघ्र धनी जो होना चाहे,
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं I (२७)
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं,
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं II (२८)
भूत प्रेत को कुबेर भगावें ,
अड़े काम को कुबेर बनावें I (२९)
रोग शोक को कुबेर नशावे,
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावे II (३०)
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे,
श्री कुबेर गिरे को पुन: उठा दे I (३१)
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे,
श्री कुबेर भूले को राह बता दे II (३२)
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे,
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे I (३३)
रोगी का रोग कुबेर घटा दे,
दुखिया का दु:ख कुबेर छुटा दे II (३४)
बांझ की गोद कुबेर भरा दे,
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे I (३५)
कारागार से कुबेर छुड़ा दे,
चोर ठगों से कुबेर बचा दे II (३६)
कोर्ट केस में कुबेर जितावै,
जो कुबेर को मन में ध्यावै I (३७)
चुनाव में जीत कुबेर करावें ,
मंत्री पद पर कुबेर बिठावें II (३८)
पाठ करे जो नित मन लाई,
उसकी कला हो सदा सवाई I (३९)
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई,
उसका जीवन चले सुखदाई II (४०)
जो कुबेर का पाठ करावे,
उसका बेड़ा पार लगावे I (४१)
उजड़े घर को पुन: बसावे,
शत्रु को भी मित्र बनावे II (४२)
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई,
सब सुख भोद पदार्थ पाई I (४३)
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई,
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई II (४४)
॥ दोहा ॥
शिव भक्तों में अग्रणी,
श्री यक्षराज कुबेर I
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर,
कर दो दूर अंधेर II (१)
कर दो दूर अंधेर अब,
जरा करो ना देर I
शरण पड़ा हूं आपकी,
दया की दृष्टि फेर II (२)
II इति श्री कुबेर चालीसा सम्पूर्ण II
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