माता पार्वती जी उमा, गौरी, सती, परमेश्वरी, अपर्णा, अंबिका, माहेश्वरी, दुर्गा, भैरवी, भवानी, हेमवती आदी अनेक नामों से जानी जाती है ! रामायण में माँ पार्वती जी को उमा नाम से भी संबोधित किया है ! ! Parvati Mata ki aarti श्री पार्वती जी की आरती, जय पार्वती माता, माँ पार्वती की आरती सावन में जरुर करनी चहिये !
Parvati Mata ki aarti
श्री पार्वती जी की आरती, जय पार्वती माता, माँ पार्वती की आरती
-: अन्य आरती संग्रह :-
गणेश जी की आरती
दुर्गा जी की आरती
लक्ष्मी जी की आरती
कुबेर जी की आरती
शनिदेव की आरती
श्याम बाबा की आरती
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श्री पार्वती जी की आरती
( Parvati Mata ki aarti )
जय पार्वती माता, बोलो जय पार्वती माता I
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता II
ॐ जय पार्वती माता.. (१)
अरिकुल पद्मा विनासनी, जय सेवक त्राता I
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता II
ॐ जय पार्वती माता.. (२)
सिंह को वाहन साजे, कुंडल हैं साथा I
देव वधु जस गावत, नृत्य कर ताथा।I
ॐ जय पार्वती माता.. (३)
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता I
हेमांचल घर जन्मी, सखियन रंगराता II
ॐ जय पार्वती माता.. (४)
शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्याता I
सहस्त्र भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाथा।I
ॐ जय पार्वती माता.. (५)
सृष्टि रूप तुही जननी, शिव संग रंगराता I
नंदी भृंगी बीन लही, सारा जग मदमाता II
ॐ जय पार्वती माता.. (६)
देवन अरज करत, हम चित को लाता I
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता II
ॐ जय पार्वती माता.. (७)
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई नर गाता I
सदा सुखी नीत रहता, सुख संपति पाता II
ॐ जय पार्वती माता.. (८)
II इति श्री पार्वती जी की आरती सम्पूर्ण II
माँ पार्वती जी पर्वत राजा हिमवान और रानी मेना की बेटी हैं ! पार्वती जी भगवन शिव की पत्नी उमा के नाम से जानी जाती हैं ! अपने पति का भगवन शिव का अपमान न सह पाने के कारण माता पार्वती जी यज्ञ में भस्म होकर सति हो गई थी
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