Maa Baglamukhi Aarti – माँ बगलामुखी आरती – बगलामुखी माता माँ नवदुर्गा का ही एक स्वरूप है I श्रद्धा और भक्ति भावना के साथ माँ बगलामुखी की आरती, आराधना और स्तुति करने से माँ आप सब पर अवस्य ही अपनी कृपा करेगीं I
नवरात्रों में बगलामुखी माता की आराधना के लिए आप Baglamukhi Chalisa बगलामुखी चालीसा का पाठ नित्य अवस्य करें !
माँ बगलामुखी आरती की आरती हिंदी में
Maa Baglamukhi Aarti In Hindi
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बगलामुखी माता आरती की आरती
Baglamukhi Mata Ki Aarti
ॐ जय श्री बगलामुखी माता,
ओ मैया जय श्री बगलामुखी माता
आरती करहूँ तुम्हारी I
ॐ जय श्री बगलामुखी माता
पीत वस्त्र तन पर सोहै,
कुण्डल की छबि न्यारी I
कर कमलों में मुद्गर धारै,
अस्तुति करते सब नर नारी II
ॐ जय श्री बगलामुखी माता (१)
चम्पक माल गले लहरावे,
सुर नर मुनि जय जयति उचारी I
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,
भक्ति सदा तव है सुखकारी I
ॐ जय श्री बगलामुखी माता (२)
पालन हरत सृजत तुम जग को,
सब जीवन की हो रखवारी I
मोह निशा में भ्रमत सकल जन,
करहु ह्रदय महँ, तुम उजियारी I
ॐ जय श्री बगलामुखी माता (३)
तिमिर नशावहू ज्ञान बढ़ावहु,
अम्बे तुमही हो असुरारी I
सन्तन को सुख देत सदा ही,
सब जन की तुम प्राण प्यारी II
ॐ जय श्री बगलामुखी माता (४)
तव चरणन जो ध्यान लगावै,
ताको हो सब भव भयहारी I
प्रेम सहित जो करहिं आरती,
ते नर मोक्षधाम अधिकारी I
ॐ जय श्री बगलामुखी माता (५)
II दोहा II
बगलामुखी की आरती,
पढ़ै सुनै जो कोय I
विनती कुलपति मिश्र की,
सुख सम्पति सब होय II (१)
II इति श्री बगलामुखी माता की आरती सम्पूर्ण II
बगलामुखी मंत्र के जाप से पूर्व बगलामुखी कवच का पाठ, चालीसा और आरती अवश्य करना चाहिए I माता को पीले रंग की साड़ी धारण करवानी चाहिए I माँ बगलामुखी के सिर पर सोने का मुकुट, स्वर्ण आभूषणों से अलंकृत, पतला और गोरा शरीर स्वर्ण जैसी कांति लिए सोने के सिंहासन पर विराजती रहती हैं। माता का मुख मंडल अत्यंत सुंदर, जिस पर हर समय मुस्कान छाई रहती है I जो हर भक्त का मन मोह लेती है !
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