कालिया नाग कौन था, कालिया नाग कहाँ रहता था, कालिया नाग के माता पिता कौन हैं ! कालिया नाग के कितने भाई हैं, कालिया नाग की पत्नी का क्या नाम था, और कालिया नाग के कितने सिर हैं, कालिया नाग की पुत्री का क्या नाम था !
आएये अब हम जानते हैं Kaliya Nag :कालिया नाग कौन था, कालिया नाग की विशेषता क्या थी ! कालिया नाग के बारे में इतनी सारी जानकारी आपको यहाँ मिल जाएगी की आपको और कही खोजने की जरुरत नहीं पड़ेगी !
पन्नग जाति का नागराज (nagraj) कालिया नाग पहले रमण द्वीप में रहता था ! मगर कालिया नाग (Kaliya Nag) की शत्रुता पक्षीराज गरुड़ से हो जाने के बाद वह यमुना नदी के कुण्ड में आकर रहने लगा ! गरुड़ (garud) के लिए यमुना जी का यह कुण्ड श्रापीत था !
क्योंकि एक बार क्षुधातुर गरुड़ ने महर्षि सौभरि के मना करने पर भी इसी स्थान पर मछलियों शिकार कर रहा था ! तब महर्षि सौभरि ने गरुड़ को श्राप दिया, कि गरुड़ अगर आज के बाद तुम इस कुण्ड पर आकर मछलियों का शिकार करोगे, तो उसी समय तुम्हारे जीवन का अंत हो जायेगा !
महर्षि सौभरि का यह श्राप कालिय नाग के लिए वरदान बन गया ! इसी कारण कालिया नाग (Kaliya Nag) गरुड़ के डर से रमण द्वीप छोड़कर यमुना के कुण्ड में निडर होकर रहने लगा !
यमुना जी में कालिया नाग का एक कुंड था। उस कुंड का सारा जल कालिया नाग ने विषैला कर रखा था ! ऊपर उड़ने वाले पक्षी भी उस विषैले से झुलसकर उसमें गिर जाते थे !
उस विषैले जल के प्रभाव से जब हवा भी किसी पेड़, पौधे और घास या किसी पशु-पक्षी को छु जाती तो वे उसी समय विष के प्रभाव से मर जाते थे ! कालिया नाग (Kaliya Nag) के विष की वजह से जमना जी इतनी विषैली हो गई थी !
कद्रू और विनता दक्ष प्रजापति की पुत्रियाँ थीं ! जिनका विवाह (marrige) कश्यप मुनि के साथ हुआ था ! देवी कद्रू ने कश्यप मुनि से 1000 पुत्रो का वरदान माँगा था ! उन पुत्रोमें एक पुत्र का नाम कालिया नाग था ! कालिया नाग के पिता का नाम कश्यप मुनि और उनकी माता का नाम देवी कद्रू था !
प्रजापति दक्ष की कन्या देवी कद्रू जो ऋषि कश्यप की पत्नी थी ! देवी कद्रू से सम्पूर्ण नाग जाती का जन्म माना हैं ! इसीलिए देवी कद्रू को नाग माता के नाम से जाना जाता हैं। और भगवान शिव की बेटी देवी मनसा को भी नाग माता कहा जाता हैं, जिनका विवाह ऋषि जरत्कारु के साथ हुआ था।
अपने पिता के नाग दंश से मृत्यु हो जाने पर एक बार राजा जनमेजय ने नागों को भस्म करने वाला नाग यज्ञ शुरू करवाया ! सभी नाग यज्ञ में गिरकर भस्म होने लगे !
तब देवी मनसा के पुत्र आस्तिक ने ऐसा उपाए किया जिससे नाग यज्ञ बंद हो गया ! और यज्ञ में भस्म होने से सभी नागों की रक्षा की ! तब से देवी मनसा को भी नाग माता के नाम से विख्याती मिली !
कालिया नाग को कालिया, काली, काली नाग के नाम से भी जाना जाता हैं !
आदि अनेक भाई हैं ! sheshnag , vasuki और कालिया एक ही मां के पुत्र थे !
पुराणों के अनुसार कालिया नाग की अनेक पत्नीया थी ! जो यमुना के कुण्ड में कालिया नाग के साथ रहती थी !
धर्म ग्रंथो के अनुसार कालिया नाग (Kaliya Nag) के 100 सिर (फन) बताये जाते हैं !
एक दिन श्रीकृष्ण गायों सहित अपने बाल-सखाओ के साथ यमुना तट पर खेलने गये ! वहां खेलते- खेलते गर्मी के कारण गायों और सखाओ का प्यास से बुरा हाल हो गया ! उन्होनें यमुना जी का विषैला जल पी लिया !
यमुना जी के उस विषैले जल के प्रभाव से सब गोमाता और बाल-सखाओ का शरीर शांत हो गया ! श्रीकृष्ण ने अमृत बरसाकर सबको वापस चेतना कर दिया !
चेतन अवस्था में आने पर सब एक-दूसरे को आश्चर्यचकित होकर देखने लगे ! भगवन श्रीकृष्ण यमुना जी को कालिया नाग के विष मुक्त करने के विचार से उन्होनें वहाँ से उसे निकालने का निश्चय किया !
भगवन श्रीकृष्ण कालिया नाग का वध करने यमुना जी (yamuna ji) में कुद पड़े ! श्रीकृष्ण के यमुना जी में कूदने पर यमुना जी में भूचाल आ गया ! आवाज सुनकर कलिया नाग (Kaliya Nag) बहार आ गया भगवान श्रीकृष्ण और कालिया नाग आमने सामने हो गए !
कालिया नाग ने देखा कि एक साँवला रंग का अत्यंत बालक निडरकर इस विषैले जल में मौज से खेल रहा है ! बालक को निडरकर होकर मौज से खेलने पर उसका क्रोध और भी बढ़ गया ! और उसने श्रीकृष्ण को अपने बंधन में ज़ोर से जकड़ लिया !
भगवान श्रीकृष्ण कालिया नाग की जकड़ में बँधकर चेतनाहीन हो गये ! श्रीकृष्ण की ऐसी हालत देखकर उनके प्यारे सखा, गाय, बैल, बछिया दु:ख से व्याकुल होकर रोने लगे ! कालिया नाग द्वारा श्रीकृष्ण को पकड़ने का समाचार जब गोपियों को लगा तो उनको बड़ा दु:ख हुआ !
यशोदा माता तो अपने लाड़ले को कालिया नाग से छुड़वाने यमुना जी में कूदने ही जा रही थी ! मगर गोपियों और बलराम जी ने यशोदा माता को समझा-बुझा कर रोक लिया !
जब श्रीकृष्ण ने देखा की ब्रज के सभी लोग उनकी ऐसी हालत देखकर अत्यन्त दु:खी हो रहे हैं ! भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीला दिखाते हुवे अपने शरीर का आकर बढाकर कालिया नाग के बंधन से मुक्त हो गए ! ऐसा करते ही कालिया नाग क्रोध से आगबबूला होकर जोरजोर से फुफकारने लगा !
उसके नथुनो से विष की फुहारे और मुँह से आग की लपटें निकल रही था ! श्रीकृष्ण ने उसके नथुनो को जोर से दबा लिया ! उछलकर उसके 100 सिर (फनो) पर नृत्य करने लगे ! कालिया नाग (Kaliya Nag) अपने जिस सिर को उठता भगवान श्रीकृष्ण अपने पैरों की चोट से उसके सिर को कुचल डालते !
अंत में कालिया नाग की शक्ति कम हो गई, और उसके मुँह और नथुनो से खून निलने लगा ! श्रीकृष्ण के नृत्य से कालिया नाग के शारीर का एक-एक अंग चूर-चूर हो गया ! कालिया नाग मन ही मन भगवान का शमरण करने लगा ! अपने पति कालिया नाग की दुर्दशा देखकर उसकी पत्नियाँ भगवान से दया व जीवनदान की याचना करने लगी !
कालिया नाग की पत्नियो ने कहा प्रभु अपराधीयो को दंड देना सर्वथा उचित है ! मगर भगवन, हमारा पति कालिया नाग मूढ़ और नासमझ है, जो आपको पहचान नहीं पाये ! , इसलिये हम सब प्रार्थना करते हैं की आप हमारे स्वामी को क्षमा कर दीजिए !
कालिया नाग की पत्नियों द्वारा प्रार्थना करने पर श्रीकृष्ण ने कालिया नाग (Kaliya Nag) को मुक्त कर दिया ! जैसे ही श्रीकृष्ण ने कालिया नाग को मुक्त किया, उसके प्राणों में धीरे-धीरे चेतना लोटने लगी !
चेतना लोटने के बाद श्रीकृष्ण कालिया नाग से बोले, अब तुम्हे अपने कुटुंब सहित यमुना जी को छोड़कर जाना पड़ेगा ! अब तुम्हे गरुड़ का भय नहीं सताएगा ! क्योकि तुमरे शरीर पर मेरे चरण-चिन्ह अंकित हो गये है !
इसलिये अब तुम्हे न तो गरुड़ का भय रहेगा और न ही तुझे खा पायेगा ! श्री कृष्ण का ऐसा आदेश पाकर कालिया नाग अपनी पत्नियों व कुटुंब सहित रमणक द्वीप की ओर चला गया ! कालिया नाग (Kaliya Nag) के चले जाने के बाद यमुना जी का जल विषहीन हो गया !
भगवान श्री कृष्ण ने सबको कहा की अब डरने की आवश्कता नहीं हैं, यमुना जी का जल अब अमृत के समान हो गया !
कालिया नाग के बारे में ये जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताना ! सनातन धर्म की जानकारी अधिक से अधिक अपने रिश्तेदारों, मित्रों व सगे संबंधियों तक पहुंचाने के लिए इसको अधिक से अधिक शेयर जरूर करें !
यह सारी जानकारी मैंने अपने निजी स्तर पर खोजबीन करके इकट्ठी की है ! इसमें त्रुटि हो सकती है ! उसके लिए मैं आपसे अग्रिम क्षमा याचना करता हूं ! (नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. blogalien.com इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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