भगवान शिवजी के सभी रुद्र अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान हनुमान जी माने जाते हैं ! सात चिरंजीवी महापुरुषों में हनुमान जी को भी अमरत्व का वरदान प्राप्त हैं ! शनिवार को जो मनुष्य Hanuman JI Ki उपासना करता हैं ! उस पर शनि महाराज का प्रकोप नहीं होता ! Hanuman JI Ki Aarti : हनुमान जी की आरती रोज अवश्य करनी चाहिए !
Shri Hanuman JI Ki Aarti Hindi Me
श्री हनुमान जी की आरती हिंदी में
बालाजी की आरती, बजरंग बली की आरती
श्री राम के परम भक्त व सेवक के रूप में हनुमान जी की कोई बराबरी नहीं कर सकता ! रामायण के सुंदर कांड में हनुमान जी की महिमा बड़ी ही सुन्दर बताई गई हैं ! हनुमान जी की माता का नाम अंजनी व पिता का नाम पवन हैं ! रावण के पास से शनि महाराज को हनुमान जी ने ही मुक्त करवाया था !
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श्री हनुमान जी की आरती
( Hanuman JI Ki Aarti )
आरती की जै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ (१)
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥ (२)
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥ (३)
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥ (४)
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥ (५)
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥ (६)
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥ (७)
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥ (८)
बाईं भुजा सब असुर संघारे ।
दाहिने भुजा सब संतन तारे ॥ (९)
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें ।
जय जय जय हनुमान जी उचारें ॥ (१०)
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत ह अंजना माई ॥ (11)
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥ (१२)
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥ (१३)
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ (१४)
॥ श्री हनुमान जी की आरती सम्पूर्ण ॥
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