हमें स्नान करते समय Ganga Maiya Ki Aarti : गंगा मां की आरती,गंगे माता की आरती,गंगा माता की आरती का ध्यान अवश्य करना चाहिए ! एक समय राजा दिलीप के पुत्र भगीरथ ने अपने पूर्वजो की मुक्ति के लिए गंगा को स्वर्ग से लाने का निश्चय किया ! और उन्होंने बहुत समय तक भगवान शंकर की घोर तपस्या की ! तपस्या से प्रसन्न होकर शंकर भगवान ने उनको साक्षात दर्शन दिये !
उन्होंने भगवान को प्रणाम किया और स्तुति करके कहा की, हे प्रभु ! मेरे पूर्वजो के तारण के लिए माँ गंगा को स्वर्ग से धरती पर आने का वरदान दो ! शंकर भगवान भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी गंगा से कहा- हे सुरेश्वरी ! आप मेरी आज्ञानुसार धरती पर जाकर सगर के सभी पुत्रों का तारण करो !
तब देवी गंगा जी ने शंकर भगवान का आदेश पाकर धरती पर आना स्वीकार किया ! जब माँ गंगा पृथ्वी पर आने को तैयार हुई तो शंकर भगवान ने उनके वेग को संभालने के लिए अपनी जटा में माँ गंगा को धारण किया ! शंकर भगवान ने अपनी जटाओं में से एक बूंद छोड़ी तो गंगा का धरती पर अवतरण हुआ ! और माँ गंगा धरती पर उतर कर राजा भगीरथ के पीछे पीछे चलने लगी ! माँ गंगा के पवित्र गंगा जल के स्पर्श से भगीरथ जी के सभी पूर्वज बैकुण्ठ धाम को चले गए !
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