आइए, हम यहां जानते हैं की होली पर barkulla kaise banaye बड़कुल्ले कैसे बनाते हैं ! बड़कुल्ले कैसे बनाये और क्या-क्या बनाये ! बड़कुल्ले क्यों बनाये जाते हैं ! होली के बड़कुल्ले कब से बनाना शुरू करना चाहिए ! होली के बड़कुल्ले गाय के गोबर से ही क्यों बनाए जाते हैं !
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को बड़कुल्ले में क्या क्या बनाते हैं ! होली के बड़कुल्ले या खिलौने क्या होते हैं ! बड़कुल्लों के माला की संख्या कितनी होनी चाहिए ! होलिका दहन की तैयारी कैसे और कब की जाती हैं !
आजकल बाजारों में तैयार बड़कुल्ले मिलते हैं ! मगर जहां तक हो सके आप खुद गाय का गोबर लाकर घर पर ही अपने हाथों से बड़कुल्ले बनाए ! गाय के गोबर के छोटे छोटे गोले बनाकर उसको दबाकर चपटा कर दे ! उसके बाद बीच में छेद कर दे ! जिससे माला पिरोने में आसानी हा जाये ! जिससे हम इस परंपरा को अपनी अगली पीढी के संस्कारों का हिस्सा बना सके !
गाय के गोबर से 1 तलवार, 5 ढाल, जीभ, 1 चांद, 1 सूरज, 1 नारियल, एक रोटी, 1 पान, 1 चक्र, और होला- होली ( होला- होली का मतलब होलीका व प्रहलाद भक्त से है) बनाए जाते हैं ! साथ ही तेरह सुपारी भी गोबर की बनाई जाती हैं ! जब से आप ने बड़कुल्ले बनाने शुरू किए तब से लेकर आज तक उनकी संख्या 21, 51 या परिवार के अनुसार ज्यादा भी हो सकती हैं !
इन सब को बनाने के बाद आपको इन्हें सजाना भी चाहिए ! सजाने के लिए आप कुमकुम, आटा, हल्दी या रंगोली का भी प्रयोग कर सकते हैं ! बची हुई गोबर से आप उपले बनाकर रख लें ! जो नवरात्रि में दुर्गा पूजा के लिए मां की ज्योत लेने के काम आ जाएंगे !
पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार हिंदू धर्म में गाय को पवित्र मानकर मां का दर्जा दिया गया हैं ! और हमारे वेदों और शास्त्रो अनुसार गाय में 36 कोटी देवी देवताओं का वास होता हैं ! पुराने जमाने में हमारे घरों के चुल्हे गाय के गोबर से ही बनाये जाते थें ! घरों के आंगन को भी गाय के गोबर से ही लिपाप-पोता जाता था !
गाय के गोबर को पवित्र मानकर होलिका दहन के लिए गाय के गोबर से ही बड़कुल्ला बनाने का हिंदू धर्म में विधान हैं !
गाय के गोबर से नारियल, पान, चोकी, पाटा, रोटी, आधी रोटी, खड़ाऊ, सिल-बट्टा, सुराही, कंघा, चरखा, चुल्हा-चक्की, पयावड़ी, पीड़ा, पारा, चकला, बेलन and तवा आदि कई तरह के खिलौने बनाए जाते हैं !
होली के बड़कुल्ले होली दहन से पंद्रह दिन पहले से बनाने शुरू कर दिए जाते हैं ! holi के पंद्रह दिन पहले कोई भी शुभ दिन और वार देख कर बड़कुल्ले बनाने का काम शुरू कर देना चाहिए ! ये बड़कुल्ले पहले दिन सात की संख्या में बनाए जाते हैं ! उसके के बाद आप फाल्गुन शुक्ल एकादशी तक प्रतिदिन कितने भी बड़कुल्ले बना सकते हैं !
हमारे घर के पितरों की एक माला बनानी चाहिए ! हनुमान जी के नाम की एक बड़कुल्लो की माला ! एक माला बड़कुल्लो की घर के बाहर मेन गेट पर लगाने लिए ! शीतला माई की एक माला और एक बड़ी माला होलिका दहन के लिए लेकर जाने के लिए बनाई जानी चाहिए !
जिसमें बड़कुल्लो के साथ तलवार, ढाल, जीभचांद, सूरज, पान, सुपारी, नारियल and होला- होली ( होला- होली का मतलब होलीका व प्रहलाद भक्त से है) होनी चाहिए ! घर में जितने आदमी और लड़के हों, उतनी बड़कुल्लो की माला बनानी चाहिए !
उन बड़कुल्लो की माला को घर के रसोई के दरवाजे के बाहर चौखट पर व घर में जितने भी कमरे है उन कमरों के बाहर की चौखट पर लटका देना चाहिए ! और बची हुई मालाओं को होलीका दहन के लिए भेज देना चाहिए ! हर माला में आठ बड़कुल्ले, एक पान, बड़ी सुपारी और नारियल पिरोना चाहिए !
अगर आपके यहां पर उद्यापन किया गया हैं ! तो तेरह सुपारी माला में पिरो लीजिए ! होली के बड़कुल्ले बनाने की परंपरा अलग-अलग जगह अलग-अलग हो सकती हैं !
आप अपनी परंपरा के अनुसार आपने घर के बड़े बुजुर्गों और रिश्तेदारों से पूछ कर अपनी परंपरा के अनुसार होली के बड़कुल्ले बनाएं ! और रात्रि में होली मंगलाने के बाद औरतों को घर में होली के मंगल गीत अवश्य गाने चाहिए !
परिवार में बेटा हो या पुत्र का विवाह होने जा रहा हो तो इस दिन उद्यापन करना चाहिए ! इसके बाद बड़कुल्लों को माला में पिरो देना चाहिए ! माला में सभी तरह के खिलौने, ढाल, तलवार, होलिका माई पिरो लें।
आपको होली के बड़कुल्लो की यह जानकारी कैसी लगी ! कॉमेंट करके जरूर बताना
आपको एवं आपके परिवार को होली की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! आपके परिवार में सौहार्द व प्रेम की भावना बनी रहे एवं परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर हमेशा सतरंगी रंगों की मुस्कान बनी रहें ! भक्त प्रल्हाद से प्रार्थना करते हैं कि इस बार होली में होलका के साथ विश्व कल्याण के लिए कोरोना वायरस का भी दहन हो जाए !
4 Comments
[…] यहां पर पढें :- होली के बड़कुल्ले (Holi Ke Badkulle) कब और कैसे बनाते हैं ? https://blogalien.com/?p=588 […]
Veri nice Post
[…] यहां पर पढें :- होली के बड़कुल्ले (Holi Ke Badkulle) कब और कैसे बनाते हैं ? https://blogalien.com/?p=588 […]
[…] यहां पर पढें :- होली के बड़कुल्ले (Holi Ke Badkulle) कब और कैसे बनाते हैं ? https://blogalien.com/?p=588 […]