Shri Badrinath ji ki Aarti Hindi Me
श्री बद्रीनाथ जी की आरती हिंदी में
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बद्रीनाथ मन्दिर में भगवान विष्णु के एक रूप में श्री बद्रीनारायण जी की पूजा की जाती हैं ! यह मंदिर अप्रैल महीने के अंत से नवम्बर महीने की शुरुआत तक ही खुला रहता हैं ! मगर पुजारियों द्वारा 12 महीनो भगवान shri Badrinath ji ki Aarti की जाती हैं !
भगवान बद्रीनाथ जी या बद्रीनारायण जी का मन्दिर उत्तराखण्ड के ऋषिकेश से यह 290 कि.मी. की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित है ! यह मन्दिर चार धामों में से एक प्राचीन मंदिर हैं ! इस मन्दिर का निर्माण लगभग 7वीं से 9वीं सदी के आसपास होने का प्रमाण मिलता हैं !
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श्री बद्रीनाथ जी की आरती
Shri Badrinath ji ki Aarti
पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम् ।
निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल… (१)
शेष सुमिरन करत निशदिन,
धरत ध्यान महेश्वरम् ।
वेद ब्रह्मा करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल… (२)
शक्ति गौरी गणेश शारद,
नारद मुनि उच्चारणम् ।
जोग ध्यान अपार लीला,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल…(३)
इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर,
धूप दीप प्रकाशितम् ।
सिद्ध मुनिजन करत जय जय,
बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल…(४)
यक्ष किन्नर करत कौतुक,
ज्ञान गंधर्व प्रकाशितम् ।
श्री लक्ष्मी कमला चंवरडोल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल…(५)
कैलाश में एक देव निरंजन,
शैल शिखर महेश्वरम् ।
राजयुधिष्ठिर करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल… (६)
श्री बद्रजी के पंच रत्न,
पढ्त पाप विनाशनम् ।
कोटि तीर्थ भवेत पुण्य,
प्राप्यते फलदायकम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल…(७)
पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम् ।
निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥
पवन मंद सुगंध शीतल…(७)
॥ श्री बद्रीनाथ जी की आरती सम्पूर्ण ॥
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