श्री विश्वकर्माजी की आरती हिंदी में
Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti Hindi Me
हर विश्वकर्मा जयंती पर श्री विश्वकर्माजी की आरती हर क्षेत्र के शिल्पी अवश्य करते हैं ! श्री विश्वकर्माजी को देव शिल्पी, जगतकर्ता और शिल्पेश्वर आदी नामो से भी जाना जाता हैं ! विश्वकर्माजी के पिता का नाम वास्तुदेव तथा उनकी माता का नाम अंगिरसी हैं !
भगवान श्री विश्वकर्माजी की प्रमुख संतानों में बृहस्मति, नल-निल,संध्या, रिद्धि, सिद्धि और चित्रांगदा हैं !
-: अन्य आरती संग्रह :-
गोरख नाथ जी की आरती
हनुमान जी की आरती
परशुराम जी की आरती
सूर्य देव की आरती
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श्री विश्वकर्माजी की आरती
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा I
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा II
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (१)
आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया I
जीव मात्र का जग मे, ज्ञान विकास किया II
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (२)
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ।
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ॥
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (३)
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना I
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना II
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (४)
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी I
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी II
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (५)
एकानन चतुरानन, पंचानन राजेI
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे II
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (६)
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे I
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे II
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (७)
श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई नर गावे I
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपाति पावे II
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा (८)
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा॥
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा
II इति श्री विश्वकर्माजी की आरती सम्पूर्ण II
हर वर्ष भारत में शिल्पकारो द्वारा विशवकर्मा-पुजा (जयंति) बडे ही हषौलास के साथ मनाया जाता हैं ! भारतीय संस्कृति के अंतर्गत भी शिल्प संकायो, कारखानो, उद्योगों में भगवान विशवकर्मा की जयंती बड़े धूमधाम से मानते हैं !
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