श्री राम चंद्र जी की आरती हिंदी में
रामनवमी की दिन मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्री राम की आरती के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती हैं ! मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं ! इस भवसागर को पर करने का मात्र एक ही सहारा हैं वो हैं, राम का नाम ! भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था !
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श्री राम चंद्र जी की आरती
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन,
हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर,
कंज पद कन्जारुणम् II
कंदर्प अगणित अमित छवी,
नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि,
नौमी जनक सुतावरम् II
भजु दीन बंधु दिनेश दानव,
दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल,
चंद दशरथ नन्दनम् II
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु,
उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर,
संग्राम जित खर-धूषणं II
इति वदति तुलसीदास शंकर,
शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु,
कामादी खल दल गंजनम् II
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु,
सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू,
सनेहू जानत रावरो II
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय,
सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी,
मुदित मन मंदिर चली II
जानि गौरी अनुकूल सिय,
हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम,
अंग फरकन लगे II
II इति श्री रामचंद्र जी की आरती सम्पूर्ण II
मर्यादा पुरुषोतम राम भगवान विष्णु के अवतार हैं ! मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्री राम की आरती करने से घर की नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं ! घर में सुख शांति व माता लक्ष्मी का वाश होता हैं !
और बजरंग बली की असीम कृपा होती हैं ! क्योकि जहाँ राम का नाम होगा ! वहां हनुमान जी अवश्य आते हैं !
मर्यादा पुरुषोतम केवल भगवान राम की नाम के आगे लगता हैं ! अन्य किसी भी देवता के नाम के आगे मर्यादा पुरुषोतम नहीं लिखा जाता हैं ! इसलिए राम के नाम में बड़ी शक्ति हैं !
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