श्री नाकोड़ा भैरव आरती हिंदी में
Shri Nakoda Bhairav Dev Ki Aarti In Hindi
श्री नाकोड़ा भैरव आरती : राजस्थान राज्य के बाड़मेर ज़िले का एक गांव नाकोड़ा जिसमें एक प्रसिद्ध पार्श्व जैन मन्दिर हैं ! जो जैन धर्म का एक तीर्थ स्थल कहलाता है।
जैन धर्म श्रमण परम्परा से निकला है ! तथा इसके प्रवर्तक 24 तीर्थंकर हैं ! जिनमें प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) तथा अन्तिम तीर्थंकर महावीर स्वामी को माना जाता हैं।
-: अन्य आरती संग्रह :-
विश्वकर्माजी की आरती
खेतरपालजी की आरती
गोरख नाथ जी की आरती
बद्रीनाथ जी के आरती
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श्री नाकोड़ा भैरव आरती
ॐ जय जय जयकारा,
वारी जय जय झंकारा I
आरती उतारो भविजन मिलकर,
भैरव रखवाला, वारी जीवन रखवाला II
ॐ जय जय जयकारा (१)
तुम समकीत सुरनर मनमोहक,
मंगल नितकारा वा. म. I
श्री नाकोडा भैरव सुनदर,
जन मन हरनारा वा. ज. II
ॐ जय जय जयकारा (२)
खडग त्रिशूलधर ख-पर सोहे,
डमरु करधारा वा. ड. I
अदभुत रुप अनोखी रचना,
मकुट कुंडल सारा, वा. मु. II
ॐ जय जय जयकारा (३)
ॐ ह्रीं क्षां क्ष मंत्र बिज युत,
नाम जपे ताहरा I
रिद्धि सिद्धि अरु सम्पद मनोहर,
जीवन सुखकारा, वा. जी. II
ॐ जय जय जयकारा (४)
कुशल करे तेरा नाम लीया नीत ,
आनंद कर नारा, वा. आ. I
रोग शोक दुःख दारिद्र हरता,
वंचित दातारा, वा. वा. II
ॐ जय जय जयकारा (५)
श्रीफल लापसी मातर सुखडी ,
लड्डू तेल धारा वा.ल. I
धुप दीप फु ल माल आरती,
नित्त नये रविवारा, वा.नि. II
ॐ जय जय जयकारा (६)
वेयावछ करता संघ तेरी ,
ध्यान अडग धारा वा. ध्या . I
हिम्मत हीत से चित मै धर्ता,
भाव्यनन्द प्यारा वा. भ. II
ॐ जय जय जयकारा (७)
दो हजार के शुभ संवत्सर,
पोष मॉस रसाला, वा. पो. I
श्री सघं मिलकर करे आरती,
मंगल शीवमाला, वा. म. II
ॐ जय जय जयकारा (८)
II इति श्री नाकोड़ा भैरव आरती सम्पूर्ण II
श्री नाकोड़ा भैरव का विश्व विख्यात मेला पौष माह की दशमी को मेला लगता है ! इसके लिए कई महीनों पहले से नाकोड़ा तीर्थ में मेले की तैयारियां शुरू हो जाती है। प्रतिवर्ष पौष माह के मेले में श्री नाकोडा भैरव के दर्शन करने हज़ारों लोग यहाँ आते है ! और मनवांछित फल पाते हैं !
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