श्री झूलेलाल जी की आरती हिंदी में
Shri Jhulelal Ji Ki Aarti In Hindi
सिंधी समाज के चेटी चंड जैसे त्यौहारों पर सबसे ज्यादा गाई जाने वाली श्री झूलेलाल आरती ! श्री झूलेलाल जी को लाल साई, उदेरो लाल, वरुण देव, दूलह लाल, दरिया लाल और जिंदा पीर आदी नामो से भी उनको जाना जाता है !
-: अन्य आरती संग्रह :-
श्री विश्वकर्माजी की आरती
श्री खेतरपालजी की आरती
गौ माता की आरती
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श्री झूलेलाल आरती
ॐ जय दूलह देवा,
साईं जय दूलह देवा I
पूजा कनि था प्रेमी,
सिदुक रखी सेवा II
ॐ जय दूलह देवा.. (1)
तुहिंजे दर दे केई,
सजण अचनि सवाली I
दान वठन सभु दिलि,
सां कोन दिठुभ खाली II
ॐ जय दूलह देवा.. (2)
अंधड़नि खे दिनव,
अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं I
पाए मन जूं मुरादूं,
सेवक कनि थारू II
ॐ जय दूलह देवा..(3)
फल फूलमेवा सब्जिऊ,
पोखनि मंझि पचिन ।
तुहिजे महिर मयासा अन्न,
बि आपर अपार थियनी ॥
ॐ जय दूलह देवा.. (4)
ज्योति जगे थी जगु में,
लाल तुहिंजी लाली I
अमरलाल अचु मूं वटी,
हे विश्व संदा वाली II
ॐ जय दूलह देवा.. (5)
जगु जा जीव सभेई,
पाणिअ बिन प्यास I
जेठानंद आनंद कर,
पूरन करियो आशा II
ॐ जय दूलह देवा.. (6)
ॐ जय दूलह देवा,
साईं जय दूलह देवा I
पूजा कनि था प्रेमी,
सिदुक रखी सेवा II
ॐ जय दूलह देवा.. (7)
II इति झूलेलाल जी की आरती सम्पूर्ण II
श्री झूलेलाल जी के अवतरण दिवस को सिंधी समाज चेटीचंड के रूप में बड़ी धूम धाम से मनाते है ! झूलेलाल जी के उपासक इनको वरुण (जल देवता) का अवतार मानते हैं।
भगवान श्री झूलेलाल जी के कुछ प्रमुख संदेश
- ईश्वर अल्लाह हिक आहे।
- सभनि हद खुशहाली हुजे।
- सजी सृष्टि हिक आहे एं असां सभ हिक परिवार आहियू।
पाकिस्तान के ठट्टा शहर में श्री झूलेलाल जी ने अवतार लिया था ! भगवान झूलेलाल जी ने किसी भाषा, किसी धर्म की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति के उत्थान के लिए अवतार लिया था।
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