श्री चित्रगुप्त की आरती हिंदी में
Shri Chitragupta Aarti In Hindi
श्री चित्रगुप्त की आरती : चित्रगुप्त जी यमलोक के राजा यमराज के प्रमुख सहायक हैं ! ऋषि सुशर्मा की पुत्री इरावती से चित्रगुप्त जी का विवाह हुआ था । इरावती और चित्रगुप्त जी 8 पुत्र उत्पन्न हुए। मनु की पुत्री दक्षिणा से चित्रगुप्त जी का दूसरा विवाह हुआ था।
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श्री चित्रगुप्त की आरती
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे,
स्वामी जय श्री चित्रगुप्त हरे I
भक्तजनों के इच्छित,
फल को पूर्ण करे II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (१)
विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,
सन्तनसुखदायी I
भक्तों के प्रतिपालक,
त्रिभुवनयश छायी II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (२)
रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,
पीताम्बरई राजै
मातु इरावती, दक्षिणा,
वामअंग साजै II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (३)
कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,
प्रभु तुम अंतर्यामी I
सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,
प्रकटभये स्वामी II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (४)
कलम, दवात, शंख, पत्रिका,
करमें अति सोहै I
वैजयन्ती वनमाला,
त्रिभुवनमन मोहै II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (५)
विश्व न्याय का कार्य सम्भाला,
ब्रम्हा हर्षाये I
कोटि कोटि देवता तुम्हारे,
चरणनमें धाये ॥
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (६)
नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,
यादतुम्हें कीन्हा I
वेग, विलम्ब न कीन्हौं,
इच्छितफल दीन्हा II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (७)
दारा, सुत, भगिनी,
सबअपने स्वास्थ के कर्ता I
जाऊँ कहाँ शरण में किसकी,
तुम तज मैं भर्ता ॥
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (८)
बन्धु, पिता तुम स्वामी,
शरणगहूँ किसकी I
तुम बिन और न दूजा,
आसकरूँ जिसकी II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (९)
जो जन चित्रगुप्त जी की आरती,
प्रेम सहित गावैं I
चौरासी से निश्चित छूटैं,
इच्छित फल पावैं II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (१०)
न्यायधीश बैंकुंठ निवासी,
पाप पुण्य लिखते I
‘नानक’ शरण तिहारे,
आसन दूजी करते II
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (११)
ॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामी जय चित्रगुप्त हरे I
भक्तजनों के इच्छित,
फल को पूर्ण करे ॥
ॐ जय श्री चित्रगुप्त हरे (१२)
II इति श्री चित्रगुप्त जी की आरती सम्पूर्ण II
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