श्री खेतरपाल चालीसा हिंदी में
Shri Khetarapal Chalisa In Hindi
श्री खेतरपाल जी चालीसा का पाठ सब संकटों से दूर करता हैं ! राजस्थान के हनुमानगढ़-सरदार शहर हाईवे पर श्री खेतरपाल जी महाराज का विशाल मंदिर रावतसर नामक कस्बे में स्थित हैं !
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श्री खेतरपाल जी चालीसा
II दोहा II
खेतरपाल संकट हरो,
मंगल करो सब काम I
शरण तुम्हारी आन पड़े,
दर्श दिखाओ आन II (१)
चालीसा तेरी गाउं मैं,
दयो ज्ञान भरपूर I
क्षमा करो अपराध सब,
संकट करो थे दूर II (२)
II चौपाई II
खेतरपाल तेरी महिमा न्यारी I
रावतसर मे दर्शन भारी II (1)
राधोदास पहला दर्शन पाया I
जिस ने तेरा नाम बढाया II (2)
रूद्र का अवतार धराया I
खेतरपाल तुम नाम रखाया II (3)
सबके संकट हरने वाला I
भक्त जनो का है रखवाला II (4)
भैरो रूप मे रचे सब लीला I
शिव का गुण हम सब को दीना II (5)
मुखड़े तेरे सिंदूर विराजे I
खड़ग त्रिशुल हाथो मे साजे II (6)
सिर पर जटा मुकुट विराजे I
पांव मे कंगना घुंघरू बाजै II (7)
नैन कटोरे रूप विशाला I
सब भक्तो का है रखवाला II (8)
मस्तक आपके तिलक सुहावे I
जो दर्श करे वो अति सुख पावे II (9)
शिव अवतार श्री खेतरपाल नामा I
ग्राम रावतसर पावन धामा II (10)
लाल ध्वजा तेरे द्वारे साजे I
तेल सिंदूर चरणो मे विराजे II (11)
काले घोड़े की हैं सवारी I
भक्त जनो का है हितकारी II (12)
खेतरपाल का नाम जो ध्यावे I
भूत प्रेत निकट ना आवे II (13)
सते मईया का भाई कहलावे I
उनकी संग मे पूजा करावे II (14)
जय अवतारी निरंजन देवा I
सुर नर मुनि जन करे सब सेवा II (15)
द्वारे तेरे जो भी आवे I
बिन मांगे सब कुछ पावें II (16)
शरण मे तेरी हम सब आये I
तेरी जय जय कार बुलाये II (17)
तुम्हरा नाम लिए दुख भागे I
सोई सुमती सम्पदा जागे II (18)
भीड़ पड़़ी संतो पे जब जब I
सहाय भये तुम बाबा तब तब II (19)
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे I
मन इच्छा फल तुम से पावे II (20)
खेतरपाल जिन नाम ध्याया I
अक्षय परम धाम तिन पाया Ii (21)
जब जब भगतो ने लिया सहारा I
बाबा जी तुमने दिया सहारा II (22)
बाबा जी में नूर समाया I
सब भक्तो ने दर्शन पाया II (23)
रावतसर धाम की लीला न्यारी I
दूर दूर तक महके फुलवारी II (24)
धाम तेरे की बात निराली I
सब भक्तो पर छाये लाली II (25)
चौदस को जो तेल सिंदूर चढ़ावे I
उनके सकल कष्ट मिट जावे II (26)
रावतसर धाम मे अखण्ड जोत जागे I
सब दुष्ट जनो के पाप भागे II (27)
सारे जग मे महिमा तुम्हारी I
दीन दुखियो के हो हितकारी II (28)
खेतरपाल तुम हो बलवाना I
दुष्टो के तुम काल समाना II (29)
बाबा जी तुम अन्तरयामी I
शरणागत के तुम हो स्वामी II (30)
दीन दुखी जो शरण मे आते I
उनके सारे दुख मिटाते II (31)
भक्तो पर तुम कृपा करते I
सिर पर हाथ दया का धरते II (32)
अब खेतरपाल अरज सुन मेरी I
करो कृपा नही लाओ देरी II (33)
सब अपराध क्षमा कर दीजो I
दीन जनो पर कृपा कीजो II (34)
प्रातःसमय जो तुम्हे ध्यावे I
वो नर मन वांछित फल पावे II (35)
खेतरपाल की करे जो सेवा I
तुम्हरे समान कोई और ना देवा II (36)
खेतरपाल चालीसा जो गावे I
जन्म जन्म के पाप नसावे II (37)
जो सत बार पाठ कर जोई I
बाबा जी की कृपा होई II (38)
जय खेतरपाल जय महाराजा I
पूरण करो सब मेरे काजा II (39)
’भगत’ तेरे चरणन् का दासा I
पूरी करो मेरी सारी आसा II (40)
II इति श्री खेतरपाल चालीसा सम्पूर्ण II
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