रामायण में भगवान श्री राम जी के सम्पूर्ण जीवन के बारे में बताने के बाद संत श्री तुलसी जी गोस्वामी ने अंत में रामायण जी की आरती की हैं ! सनातन हिन्दू कालगणना के अनुसार समय अवधि को चार युगों में बाँटा गया है- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग एव कलियुग !
रामायण का समय त्रेतायुग का माना जाता हैं ! वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य हैं ! रामायण में सात अध्याय हैं ! जिनको बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किसकिन्धा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड/ युद्ध कांड और उत्तर कांड के नाम से जाना जाता हैं, इसके २४,००० श्लोक हैं !
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घर में अखंड रामायण का पाठ करने के बाद रामायण जी की आरती जरुर करनी चहिये ! रामायण में हिन्दू रघुवंश के राजा राम की जीवन गाथा के बारे में बताया गया हैं ! ब्रह्मा जी के बताये अनुसार वाल्मीकि ने भगवान श्री राम जी के वृतान्त को श्लोक बद्ध किया !
वाल्मीकि रामायण को आदि रामायण के नाम से भी जाना जाता हैं ! बाद में गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसका हिंदी में अनुवाद किया !