मोर के बारे में रोचक जानकारी
दोस्तों, आज हम मोर के बारे में 75 रोचक तथ्य के बारे में बात करेगें ! मोर सनातन काल से ही मनुष्य के आकर्षण का केन्द्र रहा हैं ! मोर को पक्षियों का राजा कहा जाता हैं ! क्योकिं बरसात के मौसम में जब काली घटायें छाने पर जब मोर अपने सुनहरी पंख फैला कर नाचता है, तो मानो ऐसा लगता जैसे इसने हीरों से जड़ी शाही पोशाक पहनी हुई हो ! पक्षियों का राजा होने के कारण ही प्रकृति ने भी इसके सिर पर ताज जैसी कलंगी लगायी हैं !
मोर को हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी है ! अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को उच्च कोटी का स्थान दिया है ! इसकी व्याख्या महाकवि कालिदास जी ने अपने महाकाव्य ‘मेघदूत’ में मोर को राष्ट्रीय पक्षी से भी अधिक ऊँचा दर्जा दिया हैं !
दुनियाभर में अपने खूबसूरत पंखों के लिए प्रसिद्ध मोर पक्षी के बारे में आप कितना जानते हैं ! सिर्फ इतना जानते होंगे कि मोर बारिश में पंख फैलाकर नाचता है ! हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी हैं ! आदि आदि
मगर हम आज आपके लिए मोर के बारे में 75 रोचक तथ्य जानकारी लेकर आये हैं ! तो आइए जान लेते हैं उन खास बातो को जो आपको शायद आज तक पता ना हो !
मोर मोरनी के बारे में 23 रोचक तथ्य
- मोर इस धरती का सबके सुंदर पक्षी है ! नर मोर के पंखो में 70 रंगों के shads दिखाई देते हैं !
- मोर का वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेट्स हैं !
- अंग्रेजी भाषा में इसे ‘ब्ल्यू पीफॉउल’ अथवा ‘पीकॉक’ कहते हैं !
- संस्कृत भाषा में इसको मयूर के नाम से जाना जाता है ! मोर को अरबी भाषा में ‘ताऊस’ कहते हैं !
- मोर पक्षी एशिया का मूल निवासी हैं ! और यह मुख्यतः भारत, श्रीलंका और बर्मा में पाया जाता हैं !
- मोर को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पूर्णतः संरक्षण प्रदान किया गया है ! इसके शिकार पर भारत में पूर्णतया प्रतिबंध हैं !
- मोरों को इंग्लैंड और जापान में पलकर के रखा जाता है ! ताकि वहां मोर की आबादी बढ़ाई जा सके !
- मोर की तीन प्रमुख प्रजातियाँ पायीं जाती हैं ! जिनमे भारतीय मोर, अफ्रीकी कांगो मोर और हरा मोर। ये तीनों प्रजातियां एशिया की मूल निवासी मानी जाती हैं !
- नीला भारतीय मोर (Blue Indian peacock) और हरा मोर (Green peacock) एशियन प्रजाति है ! कांगो मोर (African Congo Peacock) अफ्रीकी प्रजाति के है ! मोर मुख्यतः भारत, श्रीलंका और बर्मा में पाए जाते हैं !
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मोर समूह में रहना ज्यादा पसंद करते हैं ! एक समूह में आमतोर पर 6 से 10 तक मोर होते हैं !
- नर मोर को ही peacock को कहा जाता हैं !
- मादा मोर को peahens और उनके बच्चो को peachicks कहा जाता हैं !
- और इन सभी के लिए सामूहिक शब्द peafowl का इस्तेमाल किया जाता हैं !
- नर मोर एक से अधिक मादाओं से संबंध बनाते हैं ! इसके लिए नर मोर एक समूह (harem) बनाते हैं ! जिसमें 3 से ज्यादा मादा मोर होती हैं !
- मगर आमतौर पर मादा मोर संभोग के लिए अपने साथी नर मोर का चुनाव उसके आकार, रंग, पंखों और पूंछ की सुंदरता देखकर करती हैं !
- प्रजनन काल के समय नर मोर अपने सुंदर पंखो को फैलाकर मादा को अपनी और आकर्षित करने की कोशिश करते हैं !
- मादा और नर मोर की पहचान करना बहुत ही आसान हैं !
- नर मोर के सिर पर बड़ी कलंगी तथा मादा के सिर पर छोटी कलंगी पाई जाती हैं !
- नर मोर की छोटी-सी पूँछ पर लम्बे व सुनहरे पंखों का एक बहुत ही सुंदर गुच्छा होता हैं !
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मोर का रंग नीला हरा सफेद जामुन और धुमैया (grey) भी होता हैं !
- नीला मोर हमारे देश भारत का और घुमैला मोर म्यांमार देश का राष्ट्रीय पक्षी हैं !
- 26 जनवरी 1963 को भारत सरकार ने मोर को देश राष्ट्रीय पक्षी (National Bird Of India) घोषित किया गया था !
- भारतीय वन अधिनियम 1972 के तहत मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित होने पर संरक्षित किया गया हैं ! इसका शिकार करना क़ानूनी अपराध हैं !
- मोर 11 अलग-अलग तरह की आवाज निकाल सकता हैं !
- सनातन धर्म में मोर को उच्च कोटि का स्थान प्राप्त है ! इसलिए योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के मुकुट में मोर का पंख लगा होता हैं ! और मोर भगवान कार्तिक का वाहन भी हैं ! भगवान कार्तिक शिव जी के बेटे हैं !
- प्राचीन यूनानीयों का मानना है कि मोर का शरीर उसकी मौत के बाद भी सड़ता नहीं हैं ! इसलिए उसे अमरता का प्रतीक माना जाता है !
- फेंगशुई की मान्यताओ के अनुसार मोर पंख को खतरों और आपदाओं से रक्षा करने वाला माना जाता हैं !
- पौराणिक कथाओं के अनुसार ग्रीक और रोमन देश के लोग मोर को देवी हेरा (Goddess Hera) से जुड़ा हुआ माना जाता हैं !
- भारत के सबसे बड़े प्राचीन मौर्य साम्राज्य का राष्ट्रीय चिन्ह भी मोर ही था ! चंद्रगुप्त काल में मौर्य साम्राज्य के राज्य में जो भी सिक्के चलन में थे ! उसके एक तरफ मोर का चित्र छपा होता था !
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बादशाह सिकंदर मोर का बहुत शौकीन था ! बताया जाता है कि पहली बार सिकंदर ही मोरो को लेकर यूनान गया था ! उसके बाद ही मोर पूरी दुनिया में पाया जाने लगा !
- बताया जाता हैं की मुगल बादशाह शाहजहां जिस तख्त पर बैठता था ! उस तख्त की रचना ऐसी थी कि दोनों और मोरो के बीच शाहजहां की गद्दी और पीछे पंख फैलाए मोर ! इस गद्दी को तख्त ए ताऊस कहा जाता था ! दोस्तों, ताऊस अरबी भाषा का शब्द है !
- मोर का जिक्र बाइबल में भी है ! ऐसा बताया गया है कि राजा सुलेमान द्वारा एशिया से बाहर ले जाने वाली सबसे बहुमूल्य वस्तुओं में से एक मोर थे !
- प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों द्वारा रामायण महाभारत आदि ग्रंथो को मोर के पंख को स्याही में डुबोकर लिखने का वर्णन भी मिलता हैं !
- घटते जंगल और अवैध शिकार के कारण मोरों की संख्या में लगातार कमी हो रही है ! परन्तु भारतीय मोर लुप्तप्राय: नहीं है ! Congo Peafowl नाम की मोर प्रजातियों की सूची संकटग्रस्त में दर्ज है ! जबकि Green Peafowl नाम की मोर प्रजाति एक लुप्तप्राय प्रजाति हैं !
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मोर मोरनी के जीवनकाल बारे में रोचक जानकारी
- जंगल में मोर का औसतन जीवनकाल 20 साल का माना जाता हैं ! क्योकिं जंगल में शिकारियों और कठोर मौसम के कारण मोरों का जीवनकाल संकट रहता हैं !
- चिड़ियाघर या अन्य सुरक्षित स्थानों में रहने वाले मोरों का जीवनकाल लगभग 5 साल तक माना जाता हैं !
- सामान्यतः मोर अपने 8 से ज्यादा साथियों के साथ रहते हैं !
- मोर हवा में ज्यादा देर तक उड़ नहीं सकते, ये शिकारियों व अन्य हमलावरों से बचने के लिए उड़कर पेड़ों पर बैठ जाते हैं !
- मोर सर्वाहारी (पौधे और जीव जंतु दोनों खाने वाले) होते हैं ! यह कीड़े-मकोड़े, चूहे, छिपकली, दिमक, सांप तक को भी खा जाता है ! इसलिए इन्हें किसानों का अच्छा मित्र भी कहा जाता है !
- नर मोर (Male Peacock) आकार में मादा से दुगने वजन का होता हैं ! नर मोर का वजन 5 से 7 किलोग्राम तक हो सकता हैं !
- जबकि मादा मोर (मोरनी) (Peahen) का वजन लगभग 3 से 5 किलोग्राम तक हो सकता हैं !
- नर मोर की लंबाई लगभग 6 से 8 फीट तक की हो सकती हैं !
- जबकि मादा मोर की लंबाई लगभग 3 से 4 फीट तक की हो सकती हैं !
- नर मोर के सिर पर बड़ी कलंगी और मादा के सिर पर छोटी कलंगी होती हैं !
- मोर के दौड़ने की औसत रफ़्तार 10 मील/घंटे (16 किलोमीटर/घंटे) होती हैं ! और इतनी ही रफ्तार से उड़ भी सकते हैं !
- धरती पर सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक मोर ही हैं ! इनके पंखों का फैलाव 4.8 (1.30 मीटर) के करीब होता हैं !
- मोर पानी में तुरंत डूब जाएगा क्योंकि वो तैर नहीं सकता, ऐसा इसलिए होता हैं की उनके पास तैरने के लिए झल्लीदार पैर नहीं होते !
- बताया जाता है की मोरनी मोर के आंसू पीकर प्रेग्नेंट होती हैं ! जबकि यह गलत हैं !
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मोरनी अंडे देने की लिए घोंसला नहीं बनाती, यह जमीन पर ही सुरक्षित स्थान पर अपने अंडे देती हैं !
- ज्यादातर मादा मोर अपने अंडे दोपहर के समय देना पसंद करते हैं !
- मादा मोर आमतौर पर जनवरी और मार्च के बीच अंडे देती हैं !
- मादा मोर एक बार में 3 से 5 अंडे देती हैं ! अंडो को सेने का काम मादा मोर ही करती हैं ! लगभग 28-30 दिनों के बाद अंडों में से बच्चे निकलआते हैं !
- नवजात मोर का जन्म के समय वजन लगभग 100-125 ग्राम के बीच में होता हैं ! मोर का बच्चा अपने जन्म के एक दिन बाद ही चलने-फिरने और भोजन करने लायक हो जाता हैं !
- नर मोर जन्म के बाद करीब 6 महीनो तक दिखने में मादा मोर की तरह ही होते है ! 6 महीनो के बाद उनमें हार्मोन्स बदलाव आने शुरू हो जाते हैं ! मगर नर मोर की कलगी और पूंछ 3 साल के बाद आती हैं !
- मोर-मोरनी के चोंच की लंबाई 1से 1.5 इंच तक की होती है.
- नर मोर बिना खूबसूरत चंदो के ही जन्म लेता हैं ! नर मोर के चंदे 3 साल बाद आने शुरू होते हैं !
- खूबसूरत चंदे केवल नर मोर में ही आते हैं ! जबकि मादा मोर बिना चंदो की होती है !
- एक मोर की पूंछ में 150 से 200 खूबसूरत चंदे (चंदे means पंख) तक हो सकते हैं ! और लगभग सभी पंख में रंगबिरंगे बड़े-बड़े चंदे बने होते है !
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मोर के पंख छोटे-छोटे क्रिस्टल जैसी संरचनाओं से ढके होते हैं ! आप जितनी बार भी उन्हें अलग-अलग एंगल से देखेंगे आपको हर बार नया रंग दिखाई देगा !
- मोर के सुनहरे पंखों से कई तरह के सजावटी सामान जैसे पर्स, जैकेट और भगवान के मुकुट व अन्य कई तरह के सामान बनाने में प्रयोग किया जाता हैं !
- नर मोर की खूबसूरत रंग-बिरंगी पूंछ को अंग्रेजी में ‘train’ कहा जता हैं !
- नर मोर के सुंदर और रंगीन चंदो की लंबाई 4-6 फिट तक हो सकती हैं ! जो उनके शरीर की लंबाई का लगभग 60% हिस्सा होता हैं !
- मोर के पैरों में चार उँगलियाँ होती हैं ! जिनमें से तीन उँगलियाँ आगे की ओर और एक उँगली पीछे की और होती हैं ! उँगलियों की ऐसी संरचना मोर को पेड़ो शाखाओं को पकड़ने और पेड़ों पर घूमने के लिए आसान होती हैं !
दोस्तों, मोर के सुनहरे पंखों के लिए उन्हें मारने की जरूरत नहीं होती, बल्कि मोर खुद हर साल अगस्त महीने में अपने पुराने पंखों को छोड़ देता हैं ! और वर्षा ऋतु में मोर जब पूरी मस्ती में नाचता है, तो उसके कुछ पंख टूटकर गिर जाते हैं। आप उन पंखो को बाग-बगीचों, जंगलों आदि से एकत्रित कर सकते हो !
आपको मोर के बारे में 75 रोचक तथ्य की जानकारी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताना ! आप अपने दोस्तो, रिश्तेदारों को यह जानकारी शेयर जरूर करना ! और आप किस पक्षी या पशु के बारे में जानना चाहते हो, उसके बारे में कमेंट जरूर करना !
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