कामाख्या देवी की आरती हिंदी में
Shri Kamakhya Mata Ki Aarti Hindi Me
माँ कामाख्या की आरती और कामाख्या देवी का चालीसा माँ की आराधना में भक्तो द्वारा प्रमुखता से साधना में काम लिया जाता हैं ! असम और बंगाल में शक्ति पूजा में माँ कामाख्या देवी की पूजा का बड़ा महात्म्य होता हैं । असम के कामरूप में कामाख्या माता का प्रसिद्ध मन्दिर स्थित हैं !
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माँ कामाख्या देवी की आरती
Aarti Kamakhya Mata Ki
आरती कामाख्या देवी की,
जगत उधारक सुर सेवी की ॥
आरती कामाख्या देवी की (१)
गावत वेद पुरान कहानी,
योनिरुप तुम हो महारानी I
सुर ब्रह्मादिक आदि बखानी,
लहे दरस सब सुख लेवी की II
आरती कामाख्या देवी की (२)
दक्ष सुता जगदम्ब भवानी,
सदा शंभु अर्धंग विराजिनी I
सकल जगत् को तारन करनी,
जै हो मातु सिद्धि देवी की II
आरती कामाख्या देवी की (३)
तीन नयन कर डमरु विराजे,
टीको गोरोचन को साजे I
तीनों लोक रुप से लाजे,
जै हो मातु ! लोक सेवी की II
आरती कामाख्या देवी की (४)
रक्त पुष्प कंठन वनमाला,
केहरि वाहन खंग विशाला I
मातु करे भक्तन प्रतिपाला,
सकल असुर जीवन लेवी की II
आरती कामाख्या देवी की (५)
कहैं गोपाल मातु बलिहारी,
जाने नहिं महिमा त्रिपुरारी I
सब सत होय जो कह्यो विचारी,
जै जै सबहिं करत देवी की II
आरती कामाख्या देवी की (६)
II इति श्री कामाख्या देवी की आरती सम्पूर्ण II
माँ कामाख्या का मंत्र
ॐ कामाख्ये वरदे देवी नीलपर्वत वासिनी त्वं देवि जगतमाता योनि मुद्रे नमोस्तुते ।
या देवी सर्व भूतेषू मातृ रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
कामाख्या माता का मंदिर असम की राजधानी दिसपुर से 9 किलोमीटर दूर गुवाहाटी के पास नीलांचल पर्वत पर स्थित है। नीलांचल पर्वतमालाओं पर माँ कामाख्या का इक्यावन शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान है। इसी स्थान पर माता की महामुद्रा (योनि-कुण्ड) स्थित है।
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