नाभि द्वारा उपचार के बारे जानने से पहले नाभि के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं ! माँ के गर्भ में बच्चे को पोषण माता के साथ जुडी हुई नाड़ी (नाल) से मिलता है ! गर्भ में 9 महीनो तक बच्चे के शारीरिक विकाश की पूर्ति के लिए नाभि से जुड़ी हुई नाल से ही बच्चे की जरूरत के सभी पोष्टिक आहार माँ के द्वारा ही मिलते है !
गर्भधारण के नौ महीनों अर्थात लगभग 275 दिन बाद एक सम्पूर्ण बच्चे का शरीर बनता है। नाभि के द्वारा हमारे शरीर की सभी नसों का जुडाव गर्भ के साथ ही होता है। इसलिए नाभि को हमारे शरीर में एक बहुत ही अद्भुत अंग माना जाता हैं ! मृत्यु के तीन घंटे बाद भी हमारी नाभि गर्म रहती है !
सरल भाषा में बच्चे के पैदा होने के बाद जब डॉक्टर द्वारा मां की नाल से जुड़ी बच्चे की गर्भनाल को काटने के बाद उसको बांधा जाता है ! कुछ दिनों बाद बच्चे के पेट पर एक निशान बन जाता है जिसे हम नाभि कहते हैं ! नाभि केवल स्तनधारीयो में ही पाई जाती है, अंडे देने वाले जीव-जन्तुओ में नाभि नहीं पाई जाती !
नाभि को चिकित्सकीय भाषा में बेली बटन के नाम से जाना जाता है ! अंग्रेज़ी भाषा की आम बोलचाल में इसे अक्सर इन्नी कहा जाता हैं ! नाभि सभी स्तनधारीयों में पाई जाती है। यह मानव शरीर में काफी स्पष्ट रूप से देखाई देती है। जो मनुष्यों के पेट के ऊपर एक गड्ढे के समान दिखई देती है !
अलग-अलग मानव शरीर में माप, आकार, गहराई,लंबाई के अनुसार नाभि भिन्न स्वरूप में पाई जाती है ! एक जैसे दिखने वाले जुड़वां बच्चो में नाभि भिन्न-भिन्न प्रकार की होती है ! पहचान चिह्न के लिए भी नाभि इस्तेमाल किया जा सकता है।
नाभि स्पंदन पद्धति के अनुसार यदि नाभि अपने ठीक मध्यम स्थान के बीच में चलती है ! उस स्थिति में महिलाएं गर्भधारण करने में सक्षम होती है ! परन्तु जब नाभि अपने ठीक मध्यम स्थान से हटकर नीचे रीढ़ की तरफ निचे चली जाए तो ऐसी स्थिति में महिलाएं गर्भधारण करने में सक्षम नहीं होती !
नाभि स्पंदन पद्धति के जानकारों द्वारा बताया जाता है कि जिन महिलाओं की नाभि एकदम बीचो बीच अपने मध्यम स्थान पर होती है ! तो उस महिला का बच्चा बिल्कुल स्वस्थ जन्म लेता है !
समुद्र शास्त्र में नाभि के आकार प्रकार व उसकी बनावट से महिला व पुरूषों के चरित्र के बारे में बताया गया हैं ! जिन पुरूषों की नाभि समतल होती हैं, तो वह बुद्धिमान और स्पष्टवादी व्यक्तित्व वाला होगा ! परन्तु जिन महिलाओ की नाभि समतल होती है, उनको गुस्सा बहुत जल्दी आता है !
परन्तु जिन महिलाओं की नाभि लंबी और वक्री होती है ! वे महिलाये आत्म निर्भर और आत्मविश्वास से जीवन यापन करती है ! जिन महिला व पुरूषों नाभि गहरी होती है, वे रोमांटिक, मिलनसार और सौंदर्य प्रेमी होते हैं ! उन्हें जीवन साथी भी सुंदर व बुद्धिमान मिलते है !
जिन लोगो की नाभि गोल व मध्यम गहरी होती है, वे लोग बुद्धिमान, दयालु और आशावादी प्रवर्ती के होते हैं ! ऐसी महिलाओं व पुरूषों का विवाहित जीवन सुखमय होता है ! चोड़ी नाभि वाले लोग शक्की किस्म के व अंतर्मुखी होते हैं !
जब हमारी नाभि अपने स्थान से हट जाती है ! तो हमें निम्न लक्षण दिखाई देते है !
जब नाभि अपने स्थान से हट जाती है ! तो इन आसान से आसन द्वारा नाभि को ठीक किया जा सकता है !
हमारे कपड़े के छोटे-छोटे रेशो के टुकड़े और कुछ धूल मिट्टी के कण चलते समय पेट और छाती से होते हुए, हमारी नाभि में जमा होते रहते हैं ! लगातार कई दिनों तक जो छोटे-छोटे रेशो के कण जमा होते रहते है ! जो बाद मे हमें नाभि में रुई की तरह दिखाई देते हैं !
हमारी नाभि के पीछे की ओर एक पेचूटी (Navel Button) पाया जाता है। जो हमारी 70000 से भी अधिक रक्त धमनियो से जुड़ी हुई होती है ! जिस कारण हमारी नाभि को कौनसी रक्त वाहिनी सूख रही है, यह उसको पता रहता है !
इसलिए हम जो तेल हमारी नाभि में लगते हैं ! वो उन सभी सुखी हुई धमनी में तेल का प्रवाह कर देती है।
नजर का कमजोर हो जाना, आँखे शुष्क हो जाना
रात को सोने से पहले 5 से 7 बूँद शुध्द घी को नाभी में डालें ! और नाभि के आसपास गोलाई में फैला देवें।
बालो का गिरना, बालो का असमय सफ़ेद होना
सुबह नहाने के बाद नारियल के तेल की 5 से 7 बूँद नाभि में लगाने से बालो को पोषण मिलता हैं ! अगर आप नियमित रूप से नाभि में नारियल का तेल लगते हो तो, आप अपने बालो को गिरने व समय से पहले उनको सफ़ेद होने से रोक सकते हो !
सुबह नहाने के बाद और रात को सोते समय नारियल या सरसों के तेल को नाभि में लगाना और नाभी के आसपास हल्के हाथ से लगाने पर त्वचा में निखार आता हैं !
रात को सोने से पहले 5 से 7 बूंद अरंडी के तेल को नाभि में डालें, और नाभि के आसपास हल्के हातों से मालिश करने पर कुछ ही दिनों में आपको फायदा हो सकता हैं !
नीम के तेल की 5 से 7 बूंद नाभि में डालें, और नाभि के आसपास लगा ले ! ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपको पिम्पल्स की समस्या में आराम मिल सकता है !
अरंडी के तेल में रोजमैरी का तेल मिलाकर रोज नाभि की मालिश की जाये, तो आपके जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलेगा !
हिंग और पानी या तेल के मिश्रण को नवजात शिशु के पेट और नाभि के आसपास लगाने से उसका पेट दर्द तुरंत गायब हो जाता था।
गाय का शुध्द घी नाभि में लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता खत्म हो सकती है ! साथ ही यह पाचन शक्ति को भी बढ़ता हैं !
मासिक धर्म के दौरान नारियल का तेल नाभि में लगाने से आपको पेट में दर्द, ऐंठन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है ! नारियल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता हैं ! नारियल का तेल नाभि में लगाने से पीरियड्स में होने वाली सभी समस्याओं को कम कर सकता है।
प्रतिदिन रात को सोते समय नाभि में सरसों का तेल डालें। इससे आपके होंठ फटने बंद हो जाएंगे ! और आपके होंट मुलायम रहेगें !
आपका पेट हर समय फूला फूला सा रहता है, तो आप नियमित नाभि में नारियल का तेल लगाएं ! इससे आपके पेट को लाभ हो सकता है। और पेट फूलना भी कम हो जाएगा।