श्री धोली सती चालीसा हिंदी में
श्री धोली सती चालीसा : राजस्थान के सीकर जिले की फतेहपुर शेखवाटी में धोली सती दादी का बड़ा ही मनमोहक व सच्चा दरबार हैं ! धोली सती दादी बिंदल गोत्र की कुलदेवी के रूप में जानी जाती हैं !
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श्री धोली सती चालीसा
भजो मन दादी दादी नाम,
जपो मन दादी दादी नाम I
जय फतेहपुर धाम,
जय जय बोलो धोली सती दादी II (१)
कथा है धोली सती की,
है ये कलयुग की कहानी I
राज्य हरयाणा में जन्मी,
फतेहपुर की महारानी II (२)
पिता किशन लाल जी के,
घर गूंजी किलकारी I
माँ सरस्वती के मन में,
छा गयी खुशियां भारी II (३)
शक्ति अंश से जन्मी कन्या,
धोली रखा नाम I
जपो मन दादी दादी नाम,
भजो मन दादी दादी नाम II (४)
किशन जी के आँगन में,
समय शुभ दिन वो आया I
धोली का नाथूराम जी के,
संग में ब्याह रचाया II (५)
बिदा की घड़ी जो आई,
आँख सब की भर आई I
बहुत मन को समझा कर,
करी बेटी की बिदाई II (६)
चल पड़ी धोली की डोली,
संग हैं नाथूराम जी I
जपो मन दादी दादी नाम,
भजो मन दादी दादी नाम II (७)
हुक्म ये राजा का है,
ये डोली यहीं रुकेगी I
रात महल में रहकर,
पालकी आगे बढ़ेगी II (८)
जो मेरी राहें रोकी,
तो फिर संग्राम होगा I
संभल जा अब भी राजा,
बुरा इसका अंजाम होगा II (९)
नाथूराम और मानसिंह में,
मचा महासंग्राम I
जपो मन दादी दादी नाम,
भजो मन दादी दादी नाम II (१०)
रूप चंडी का धारा,
मानसिंह को संहारा I
सती के तेज़ से धरती,
लाल हुआ अम्बर सारा II (११)
बैठ गयी अग्नि रथ पर,
ज्योत से ज्योत मिलायी,
गूँज उठा जयकारा I
जय श्री धोली सती माई II (१२)
सतवंती माँ धोली सती की,
सत की महिमा महान I
जपो मन दादी दादी नाम,
भजो मन दादी दादी नाम II (१३)
धन्य है फतेहपुर नगरी,
धन्य वो शेखावाटी I
जहां कण-कण में बसी है,
मेरी धोली सती दादी II (१४)
बिंदल कुलदेवी माँ की,
है महिमा बड़ी निराली I
कृपा भगतों पर करती,
दादी फतेहपुर वाली II (१५)
भक्तजन दादी के गुण गाये,
सुबह और शाम I
जपो मन दादी दादी नाम,
भजो मन दादी दादी नाम II
जय जय जय धोली सती दादी,
जय फतेहपुर धाम ।
जपो मन दादी दादी नाम,
भजो मन दादी दादी नाम II
II इति श्री धोली सती चालीसा सम्पूर्ण II
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