धूमधाम से मनाइए होलिका दहन 2021 , जब आप होलिकादाह पूजन के लिए जाओ, तब भारत सरकार द्वारा जारी कोविड-19 covid-19 के नियमों की पालना अवश्य करें !
मुंह पर मास्क लगाकर, हाथों को सेनीटाइज करके व 2 गज की दूरी बनाकर होलिका दहन करें ! होलिका दहन के बारे में आपको बताएंगे कि इस वर्ष 2021 में !
होली दहन का समय, होलिका दहन के नियम, होली पूजने की सामग्री, पूजन करने का तरीका, बड़कूले (भरभोलिए) कितने होने चाहिए !
सायं 06:38 से रात्रि 09:13 तक , इसी समय पर धूमधाम से मनाइए होलिका दहन 2021 !
8 मार्च 2021 को पूर्णिमा तिथि सूयोदय से पूर्व प्रातः 03 बजकर 27 मिनट पर शुरू होकर, पूर्णिमा तिथि 28 मार्च 2021 को मध्यरात्रि 12 बजकर 17 मिनट समाप्त हो जाएगी !
होलिकादाह फाल्गुनशुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा में नहीं करना शास्त्रो में बताया गया है ! इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा रविवार, 28 मार्च 2021 को है !
भद्रा दोपहर 01ः55 तक है, जिससे सायंकाल में पूर्णिमा भद्रा से मुक्त है ! अतः इस दिन गोधुलि वेला में मानस योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग में होलिका दहन श्रेष्ठ होगा !
धूमधाम से मनाइए होलिका दहन 2021 फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक होलाष्टक माना जाता है ! इस दौरान शुभ कार्य वर्जित रहते हैं ! पूर्णिमा के दिन होलिकादाह किया जाता है !
इस दौरान यह ध्यान रखना चाहिए कि उस दिन “भद्रा” न हो ! पूर्णिमा प्रदोषकाल-व्यापिनी होनी चाहिए ! इसे आसान शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं कि उस दिन सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा तिथि होनी चाहिए !
धूमधाम से मनाइए होलिका दहन 2021 के लिए गोबर से बने बड़कुल्लो की माला , रोली , मौली , अक्षत , अगरबत्ती , फूलमाला , कच्चा सूत , गुड़ , साबुत हल्दी , मूंग-चावल , फूल , नारियल , जल का लोटा , गेहूं की नई हरी बालियां , हरे चने का पौधा,बताशे , गुलाल , बैठने के लिए दरी की जरूरत होती है ! इसके अलावा आप अपने जरूरत के हिसाब से सामग्री ले सकते हैं !
बुरा न मानो होली हैं Holi Jokes
होली से दस बारह दिन पहले शुभ दिन देखकर गोबर से सात बड़कूले ( Badkule ) बनाये जाते है ! गोबर से बने बड़कूले को भरभोलिए ( bharbholiye ) भी कहा जाता है !
बड़कूले छेद वाले बनाये जाते है ! ताकि उनको माला बनाने के लिए पिरोया जा सके ! इसके बाद गोबर से ही सूरज , चाँद , तारे , और अन्य खिलौने बनाये जाते है !
पान , पाटा , चकला , एक जीभ , होला – होली बनाये जाते है ! इन पर आटे , हल्दी , मेहंदी , गुलाल आदि से बिंदियां लगाकर सजाया जाता है ! होलिका की आँखें चिरमी या कोड़ी से बनाई जाती है ! अंत में ढाल और तलवार बनाये जाते है !
बड़कूले से माला बनाई जाती है ! माला में होलिका , खिलोंने , तलवार , ढाल आदि भी पिरोये जाते है ! एक माला पितरों की , हनुमान जी की एक माला तथा एक माला शीतला माता की और एक घर के लिए बनाई जाती है ! यह पूजा में काम आती है !
1. पूजन करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए !
2. जल की बूंदों का छिड़काव आसपास तथा पूजा की थाली और खुद पर करें !
3. इसके पश्चात नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए उन्हें रोली , मौली , अक्षत , पुष्प अर्पित करें !
4. इसी प्रकार भक्त प्रह्लाद को स्मरण करते हुए उन्हें रोली , मौली , अक्षत , पुष्प अर्पित करें !
5. इसके पश्चात् होलिका को रोली , मौली , चावल अर्पित करें , पुष्प अर्पित करें , चावल मूंग का भोग लगाएं। बताशा , फूले आदि चढ़ाएं !
6. हल्दी , मेहंदी , गुलाल , नारियल और बड़कूले चढ़ाएं ! हाथ जोड़कर होलिका से सुख समृद्धि की कामना करें ! सूत के धागे से होलिका के चारों ओर घूमते हुए तीन , पाँच या सात बार लपेट दें ! जल का लोटा वहीं पूरा खाली कर दें !
होली दहन का समय – सायं 06:38 से रात्रि 09:13 तक , इसी समय पर होलीका दहन किया जाना चाहिए। घर के सभी सदस्य माथे पर तिलक लगाए ! होली जलने पर रोली चावल चढ़ाकर सात बार अर्घ्य देकर सात परिक्रमा करनी चाहिए !
इसके बाद साथ लाये गए हरे गेहूं और चने होली की अग्नि में भून लें ! होली की अग्नि थोड़ी सी अपने साथ घर ले आएं ! ये दोनों काम बड़ी सावधानी पूर्वक करने चाहिए !
होली की अग्नि से अपने घर में धूप दिखाएँ ! भूने हुए गेहूं और चने प्रसाद के रूप सभी में ग्रहण करें !
उसके अगले दिन सुबह धुलंडी का त्यौहार होता मनाया हैं, उस दिन लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं।
इस बार होली पर आप कोरोना-19 covid-19 के केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा दिए गए गाइडलाइन की पालना अवश्य करें ! जहां तक हो सके अनजान व्यक्तियों के साथ होली ना खेले !
होली खेलने के लिए ज्यादा से ज्यादा गुलाल का प्रयोग करें ! और अपने घर के सदस्यों के साथ ही इस बार होली का त्योहार मनाइए !
आप सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं आपके परिवार में हमेशा सुख शांति बनी रहे ऐसी भगवान नरसिंह भगवान से प्रार्थना करते हैं !
शुभ होली
मंगलमय होली
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