श्री जीवदानी माता की आरती हिंदी में
जीवदानी माता की आरती जो नित्य प्रेम से पढ़ता हैं ! वह भवसागर से पार उतर जाता हैं ! महाराष्ट्र राज्य में ठाणे-ज़िले के विरार उपनगर में पहाड़ी पर माँ जीवदानी का मन्दिर स्थित हैं ! जीवदानी का शब्दिक अर्थ होता हैं, जीवन दान देनेवाली मैया ! माँ जीवदानी भक्तों के जीवन की रक्षा करनेवाली और बड़ी ममतामयी देवी हैं !
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श्री जीवदानी माँ की आरती
जय जय जीवदानी मंगल वरदायीनी
आरती भक्त ही गाती शुभ नामस्मरणी
जय जय माँ जीवदानी (१)
पंचामृत अभिषेके कांती तव विलसे
गंधित फुलमालांनी प्रसन्न मुख झळके
जय जय माँ जीवदानी (२)
हिरवे,रक्तिम,पिवळे वस्त्र तुला साजे
कपानिधीगे माते नाम भुवनी गाजे
जय जय माँ जीवदानी (३)
भाली कुंकुम शोभे विशाल नयनव्दय
रत्नजडित शिरी मुकूट उजळीतसे भाल
जय जय माँ जीवदानी (४)
हाती पंकज रक्तिम सान्निध्दी त्रिशूल ।
कठोर घेशी परिक्षा कुसुमापरी मृदुल
जय जय माँ जीवदानी (५)
जीवनधन शैलशिखरी होऊनी निवासिनी
भक्तांचे दुःख हरण्या झालीस वनवासिनी
जय जय माँ जीवदानी (६)
दर्शनमात्रे तुझिया सकल हरती दुःखे
उच्चारीता तव नाम भक्तां सुख लाभे
जय जय माँ जीवदानी (७)
मनोभावे अर्पूनी यथाशक्ती दाने
निरिच्छभावे गाती तुझी यशोगाने
जय जय माँ जीवदानी (८)
नवरात्रींच्या उत्सवी जनसागर उसळे
शोभा किती वर्णावी भक्त धन्य झाले
जय जय माँ जीवदानी (९)
पुन्हा पुन्हा मन धावे घेण्या शुभदर्शन
शुभांगिनी जीवदानी सार्थक हो जीवन
जय जय माँ जीवदानी (१०)
माते,दे अखेरीस एकचि वरदान
दीन दुःखींची सेवा करण्या दे त्राण
जय जय माँ जीवदानी (११)
II इति श्री जीवदानी माता की आरती सम्पूर्ण II
जानकारों के मुताबिक महाराष्ट्र में सतपुरा की पहाडिय़ों की शृंखला में पहले जीवन दायी औषधियां मिलती थी ! इन जीवन दायी औषधियों से लोगों की प्राणों की रक्षा होती थी ! इसलिए इस मान्यता के कारण से माता का नाम जीवदानी पड़ा ! तब से भक्त इन्हें माँ जीवदानी के नाम से पुकारने लगे !
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