आप हैरान रह जाएंगे इस मंदिर के रहस्यमय के बारे में जानकर ! जाने क्या रहस्य हैं स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का ! धार्मिक क्षेत्र में भारत की अलग ही पहचान हैं। हमारे देश में जितने प्राचीन मंदिर या धार्मिक स्थल मिलेंगे उतने विश्व में कहीं पर भी नहीं हैं। इसी कारण भारत के ही नहीं दुर दुर से लोग आते हैं यहां दर्शन करने के लिए ! इस प्राचीन मंदिर के अद्भुत रहस्य की कुछ लोगों तक ही हैं जानकारी ! भारत में भगवान भोलेनाथ के अनेक मंदिर हैं। हर मंदिर की अपनी-अपनी विशेषताएं होती हैं। परंतु ऐसी क्या खास बात हैं ! स्तंभेश्वर महादेव मंदिर में, आइए जानते हैं देवों के देव महादेव की इस बारे विस्तृत जानकारी ! क्यों हो जाता है दिन में दो बार यह मंदिर गायब और क्या है इसका रहस्य ! आज हम यहां पर इसी के बाद में चर्चा करेंगे
जाने क्या रहस्य हैं स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का ! समुद्र के किनारे पर स्थित होने कारण प्राकृतिक का भरपूर आनंद लिया जा सकता हैं। भारत में गुजरात प्रांत के बड़ोदरा शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर हैं। जंबूसर तहसील के कावी कंबोई गांव में विराजमान भोलेनाथ भगवान का यह अलौकिक हैं। इस मंदिर में हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए रोज आते हैं। इस रहस्यमय मंदिर की खोज-बीन वर्तमान समय से लगभग 200 वर्ष पहले हुई थी ! इस मंदिर में विराजमान भोलेनाथ का शिवलिंग संभवत 4 फीट की ऊंचाई व 2 फिट के व्यास में स्थापित हैं ! मंदिर के दर्शन करने के लिए सड़क, हवाई जहाज या निजी साधन और रेलगाड़ी की यात्रा करके पहुंच सकते हैं।
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स्तंभेश्वर महादेव का यह मंदिर अरब सागर के कैम्बे तट पर समुद्र के बीच स्थित हैं ! बताया जाता हैं कि इस का निर्माण भोलेनाथ के पुत्र कार्तिकेय ने अपनी तपस्या के बल से किया था। परंतु रहस्यमय बात यह हैं की स्तंभेश्वर मंदिर दिन में दो बार समुद्र के बीच पानी में ओझल हो जाता हैं और स्वत: ही बाहर निकल आता हैं ! इस रहस्य को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं ! लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं कि ऐसे क्यों होता हैं ! मगर भक्त इसे भोलेनाथ बाबा का चमत्कार ही मानते हैं।
हमारे सनातन धर्म के पुराणों में भी इस मंदिर का विशेष उल्लेख मिलता है ! उन पुराणों में एक “महाशिवपुराण” के रूद्र संहिता भाग 2 के, 11 वें अध्याय में भी इसका उल्लेख मिलता हैं ! इसका मतलब यह हैं कि यह मंदिर बहुत प्राचीन समय से स्थान पर बना हुआ हैं ! बडे़-बडे़ ऋषि मुनि महात्माओं ने भी इस जगह पर घोर एवं कठिन तपस्या की हैं ! मगर इस बात का कोई भी उल्लेख या प्रमाण नहीं मिलता हैं !
यह मंदिर समुद्र के किनारे पर स्थापित होने के कारण जब समुद्र में ज्वार आता हैं ! तब मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब जाता हैं ! और ज्वार उतने के बाद मंदिर वापस दिखाई देने लगता हैं ! लेकिन जब समुंदर में ज्वार होता हैं ! तो चारो और पानी ही पानी होने के कारण महादेव मंदिर के दर्शन नहीं हो सकते । और ज्वार उतने के बाद स्वत: ही भोलेनाथ मंदिर के दर्शन हो जाते हैं। महादेव मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले दर्शनार्थियों को विशेष रुप से यह बताया जाता हैं ! किस समय ज्वार आएगा और पानी का स्तर बढ़ेगा ! ताकि भक्तों को अनावश्यक परेशानी ना उठानी पड़े। मंदिर के पुजारी तथा वहां के निवासीयो द्वारा लोगों सूचना मंदिर की खोजबीन के समय से ही दी जा रही हैं।
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा, अगर यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो तो इसे अपने मित्रों व रिश्तेदारों के साथ share जरूर कीजिएगा। हमारा भरपूर प्रयास रहेगा कि हम आपके लिए हमेशा एैसी ही धार्मिक जानकारी आपके सामने लाने का भरपूर प्रयास करेंगे। आपका दिन शुभ हो
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर
जय भोलेनाथ
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