नवदुर्गा हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छठवीं रूप हैं। नवरात्रों में उपासक कात्यायनी माता की आरती और आराधना पूरी निष्ठा से करते हैं । अमरकोष में माँ पार्वती दूसरा नाम ‘कात्यायनी’ है । संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं माता के अन्य नाम हैं।
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मां कात्यायनी स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
मां कात्यायनी मंत्र
।।ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ।। ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ।।
संकल्प लेने के पश्चात् एक माला अपने गुरु के नाम से जपे, फिर एक माला – ॐ श्री गणेशाय नमः इस मंत्र की जपे. इसके बाद माँ कात्यायनी देवी के उपरोक्त मन्त्र की कम से कम 3 माला या फिर इससे अधिक आप जितना भी जप कर सके, मंत्र जप करें !
मां कात्यायनी की पूजा पीले और लाल रंग के वस्त्र धारण करके ही करनी चाहिए। मां कात्यायनी का ध्यान करते हुए हाथ में पीला फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद मां को शहर अर्पित करें। मां को शहद चढ़ाना बहुत ही शुभ रहता है।