कल्कि भगवान की आरती : कल्कि पुराण के अनुसार भगवान श्री विष्णु कल्कि रूप में कलयुग में अवतार लेंगे ! भगवान श्री विष्णु का यह कल्कि अवतार कलियुग और सतयुग के संधिकाल में होगा ! श्री विष्णु भगवान इस अवतार में 64 कलाओं से युक्त होगे !
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श्री कल्कि भगवान का निष्कलंक अवतार होगा ! भगवान श्री कल्कि की माता का नाम सुमति और पिता का नाम विष्णुयश होगा !
कल्कि में उनसे जो बड़े भाई होंगे उनका नाम क्रमशः सुमन्त, प्राज्ञ और कवि नाम से जाने जायेगें ! श्री कल्कि भगवान के गुरू का नाम याज्ञवलक्य जी पुरोहित और भगवान परशुराम जी होगा !
भगवान श्री कल्कि की शादी दो पत्नियो के साथ होंगी ! जिनका नाम लक्ष्मी रूपी पद्मा और वैष्णवी शक्ति रूपी रमा होगा ! और उनसे उत्पन पुत्रो के नाम जय, विजय, मेघमाल तथा बलाहक होगा !
भगवान श्री कल्कि अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड नायक होंगे ! भगवान श्री कल्कि सफ़ेद देवदत्त नामक अश्व पर सवार, पीले वस्त्र धारण किये होकर उनके हृदय पर श्रीवत्स का चिह्न अंकित, गले में कौस्तुभ मणि के साथ इस अवतार में अवतरित होंगे !
कल्कि भगवान के हाथों में प्रमुख रूप से नन्दक व रत्नत्सरू नामक खड्ग, शाऽं्ग नामक धनुष, कुमौदिकी नामक गदा, और हाथ में पांचजन्य नाम का शंख होगा ! उनके शरीर से परम दिव्य गंध उत्पन्न होगी, जिसके प्रभाव से संसार का वातावरण पावन हो जायेगा !
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