आप कठफोड़वा में बारे में 30 रोचक तथ्य पढना चाहते हैं ? यदि हाँ, तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं ! इस आर्टिकल में आपको कठफोड़वा के बारे में रोचक और मजेदार जानकारी मिलेंगी !
आपको पता नही होगा की भारत सरकार ने कठफोड़वे पर जारी 50 पैसे का डाक टिकट भी जारी किया था ! मगर हम आपको आज इसके बारे में रोचक और मजेदार जानकारी बताएगें ! मेरी यही कोशिश रहेगी की यह पोस्ट आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित हो !
कठफोड़वा एक एकांतप्रिय और असामाजिक प्राणी हैं ! जो भीड़-भाड़ वाली जगहों से अलग अकेले या अपने जोड़े के साथ रहना पसंद करते है !
कठफोड़वे की विभिन्न प्रजातियों में मुख्य रूप से डेडवुड काले कठफोड़वा, चित्तीदार कठफोड़वा, मध्यम चित्तीदार कठफोड़वा, कम चित्तीदार कठफोड़वा, यूरोपीय हरा कठफोड़वा और यूरेशियन तीन-पैर वाले कठफोड़वा आसानी से देखे जा सकते हैं !
भारत सरकार द्वारा कठफोड़वे पर जारी 50 पैसे का डाक टिकट
अंग्रेजी में कठफोड़वा को woodpecker के नाम से जाना जाता हैं !
आमतोर पर कठफोड़वा को जंगली आवासों के वृक्षीय पक्षी के रूप में जाना हैं !
शाही कठफोड़वा और हाथीदांत-बिल वाले दोनों बड़े कठफोड़वा की प्रजातीया शायद विलुप्त को गई हैं !
कठफोड़वा की चोंच काफी सख्त और मजबूत होती हैं ! जिस कारण वे पेड़ों पर प्रहार करने और पेड़ो की छालों में छेद कर अपना भोजन प्राप्त कर सकते हैं !
सबसे बड़ी प्रजाति शाही कठफोड़वा
इम्पीरियल वुडपेकर (Imperial Woodpecker)
कठफोड़वा के रंग में भिन्नता उनकी प्रजाति अनुसार देखने को मिलती हैं ! कठफोड़वे की कई प्रजातियो में पंखों का रंग भूरा, जैतून के रंग का और चितकबरा होता हैं ! और कई प्रजातियों में काले, लाल और पीले रंग के पंख होते हैं !
कठफोड़वे की कई प्रजातियों के पंखों का नारंगी, हल्का हरा, गहरा भूरा, मैरून और सुनहरे रंग का भी होता हैं !
नर कठफोड़वा की पहचान उसके माथे और गर्दन के हिस्सो पर काला रंग का होता हैं !
मादा कठफोड़वा की पहचान उसकी छाती पर रंग सफ़ेद से होता हैं !
अन्य पक्षियों की तुलना में कठफोड़वो के नाखून अधिक लंबे और मोटे होते हैं ! जो उनको पेड़ों पर बेहतर पकड़ बनाने में आसन कर देते हैं !
ग्रेट स्लैटी (Great Slaty Woodpecker)
धरती पर कठफोड़वे की दो सबसे बड़ी प्रजाति इम्पीरियल वुडपेकर (Imperial woodpecker) और आइवरी-बिल्ड वुडपेकर (Ivory-billed woodpecker) को मानी जाती हैं ! मगर इस समय दोनों ही विलुप्ति की कगार पर हैं !
ग्रेट स्लैटी (Great Slaty Wood Pecker) कठफोड़वे का वैज्ञानिक नाम मुलरिपिकस पुल्वरुलेंटस (Mulleripicus Pulverulentus) हैं !
भारतीय उप-महाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में ग्रेट स्लैटी (Great Slaty Wood Pecker) कठफोड़वा मुख्य रूप से पाया जाता हैं !
ग्रेट स्लैटी (Great Slaty Wood Pecker) कठफोड़वा का वजन 350 से 550 ग्राम और इसकी लंबाई 50-60 सेंटीमीटर के आसपास होती हैं !
कठफोड़वा का आहार मुख्य आहार कीड़े -मकोड़े, चींटी, दीमक, झींगुर, चिड़ियों के अंडे, फल आदी होता हैं !
सबसे बड़ी प्रजाति आइवरी-बिल्ड वुडपेकर
(Ivory-billed woodpecker)
कठफोड़वा लगभग 25 किमी/घंटे की रफ़्तार से उड़ान भर सकता हैं !
उड़ान भरते समय कठफोड़वा तीखी आवाज़ निकलता हैं ! वैसे इसकी आवाज की बड़ी तेज और कर्कश होती हैं !
कठफोड़वा एक सैकण्ड में 15 से 20 बार अपनी चोंच से बार बार प्रहार कर सकता हैं !
कठफोड़वा अपनी चोंच से जो बार बार प्रहार पेड़ पर प्रहार करता हैं उसकी आवाज को दूर-दूर तक सुना जा सकता हैं।
यह एक दिन 8,000 से 10,000 बार अपना सिर पेड़ पर ठोक सकता हैं !
दुनिया में लगभग 200 विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ कठफोड़वा की पाई जाती हैं !
कठफोड़वा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, न्यू गिनी, मेडागास्कर और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर पूरी दुनिया में पाए जाते हैं !
भारत सरकार ने कठफोड़वा पर डाक टिकट भी जारी किया हैं !
White-bellied Woodpecker
कठफोड़वा के जीवनकाल के बारे में रोचक जानकारी
अलग-अलग प्रजातियों के अनुसार जंगल में कठफोड़वा का औसत जीवनकाल 7 से 12 वर्ष का होता हैं !
कठफोड़वा अपने एक ही साथी के साथ जीवन भर साथ रहते हैं !
मगर कुछ कठफोड़वा बहुपत्नी ब्रीडर भी होते है, जो समूह की हर मादा के साथ सम्भोग (प्रजनन) करते हैं !
कठफोड़वा का प्रजनन काल मार्च से लेकर मई महीने के दौरान होता हैं !
यह सूखे पेड़ के तने को खोदकर उसमे अपना घोंसला बनाते हैं ! घोंसला बनाने का काम नर और मादा दोनों साथ मिलकर करते हैं !
West Indian Woodpecker
घोंसला बनाने की इस प्रक्रिया में नर और मादा को 20 से 30 दिन का समय लगता हैं !
कठफोड़वा हर साल नया घोंसला बनाते हैं, और उनके पुराने घोंसले अक्सर अन्य पक्षियों द्वारा उपयोग किए जाते हैं।
अपने एक प्रजनन काल में मादा कठफोड़वा एक बार में 2 से 6 अंडे दे सकती हैं !
अंडों को नर और मादा दोनों सेते हैं जिसकी अवधि 14 से 18 दिनों तक की होती हैं !
अंडों से निकलने के बाद लगभग 30 से 35 दिन में बच्चे घोंसला छोड़ने लायक हो जाते हैं !
कठफोड़वा की जीभ 10 से 12 सेंटीमीटर लंबी होती हैं ! जो यह उसकी चोंच से लगभग 3 गुना बड़ी होती हैं !
इसके मुँह में बनी चिपचिपी लार जीभ की सहायता से कीड़ो-मकोड़ो को पकड़ने में सहायक होती हैं !
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