आज हम ऊँट के बारे में 51 रोचक तथ्य में जानेगें की ऊँट एक शाकाहारी जानवर होने के कारण प्राचीन काल में ऊँटों का उपयोग युद्ध और सवारी के रूप में भी उपयोग किया जाता था !
ऊँट को मनुष्य हजारों वर्षों से परिवहन के साधन और खेती बड़ी के रूप में उपयोग करता आ रहा हैं ! और ऊँट विभिन्न प्रकार की आवाजो के साथ साथ कराहते, चीखते और चिंघाड़ते भी हैं !
ऊँट रेगिस्तानी मिट्टी में लगभग 300 से 500 किलोग्राम तक का वजन अपनी पीठ पर ढोकर ले जा सकता हैं ! बोझ ढोने की इस क्षमता के कारण ऊँट को “रेगिस्तान के जहाज” (Desert Ship) कहा जाता हैं !
1960 के समय भारत में ऊँटों की संख्या 1.2 मिलियन थी ! मगर 1990 के बाद से भारत में ऊँटों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिली !
और 2012 में ऊँटों की संख्या भारत में लगभग 4.5 लाख रह गई ! इतना ही नहीं 2019 आते-आते इनकी संख्या घटकर मात्र लगभग 2.75 लाख ही रह गई ! इसके कई कारण हैं !
दुनिया का सबसे बड़ा भोजन भुना हुआ ऊँट (roasted camel) अरब देशो में शादी की दावत के लिए परोसा जाता था ! मध्य पूर्वी देशों (Middle Eastern countries) में लोग ऊँट खाते हैं !
ऊँट का कूबड़ सबसे अच्छा और स्वादिष्ट हिस्सा माना जाता हैं ! छोटे ऊँट बड़े ऊँटों की तुलना में अधिक स्वादिष्ट माने जाते हैं !
मरूस्थलीय गर्म प्रदेशों में अपनी शारीरिक विशेषताओं के लिए ऊँट जाना जाता है ! इसकी पीठ पर कूबड़ इसकी खास पहचान होती है !
हालांकि कूबड़ के बारे में लोगों को ये गलतफहमी होती है कि ऊँट इसमें पानी जमा करता हैं ! जबकि वास्तव में ऐसा नहीं हैं !
तो आखिर इस कूबड़ का महत्त्व क्या है ?
ऊँट कितने दिनों तक बिना पानी पिये जीवित रह सकता है ?
ऐसी कई ऊँट के बारे में 51 रोचक तथ्य की जानकारियाँ हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं !
प्राचीन समय में राजा-महाराजो द्वारा ऊँटों को युद्ध के समय अपने सेनिको की सवारी के रूप में भी उपयोग किया जाता था !
ऊँट को वर्ष 2014 में राजस्थान का राजपशु घोषित कर संरक्षित किया गया था !
ऊँट को “रेगिस्तान के जहाज” के नाम से भी जाना जाता हैं !
राजस्थान सर्कार ने 27 मार्च 2015 को एक बिल पास किया गया था ! जिसमें राजस्थान की सीमा से दूसरे राज्यों में ऊँटों के निर्यात और ऊँटों के मांस के उपयोग को प्रतिबंधित लगाया था !
उस बिल का नाम ‘Rajasthan Camel Prohibition of Slaughter And Regulation of Temporary Migration or Export Bill था !
राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पुष्कर जो अजमेर से 12 किलोमीटर दूर स्थित हैं ! वहां प्रतिवर्ष ‘पुष्कर मेले’ (Pushkar Fair) का आयोजन किया जाता हैं ! जिसमें ऊँटों की ख़रीदी-बिक्री बड़ी संख्या में होती हैं !
भारत के राजस्थान, गुजरात और हरियाणा राज्यों में ऊँट मिलते हैं ! मगर उनमे सबसे ज्यादालगभग 80% ऊँट अकेले राजस्थान प्रदेश में पाए जाते हैं !
पूरी दुनिया में 14 मिलियन से अधिक ऊँट हैं ! जिनमें से ज्यादतर मध्य पूर्व (Middle East), एशिया (Asia) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) में पाए जाते हैं !
ऊँटो को समूह में रहना ज्यादा पसंद हैं ! इनके समूह को ‘herd’ कहते हैं !
झुंड में रहने वाले ऊँटो का नेतृत्व नर ऊँट करता हैं ! भोजन की तलाश में एक साथ जंगल में लगभग 30 ऊँट समूह में यात्रा करते हैं !
बिना अपने मुँह को ज़ख्मी किये ऊँट कैकटस जैसे कंटीले पौधे और झाड़ियाँ खाने में सक्षम होते हैं !
ऊँटों को दो श्रेणी में बाँटा गया हैं (1) एक कूबड़ वाले (ड्रोमेडरी) ऊँट (2) दो कूबड़ वाले (बैक्ट्रियन) ऊँट !
पूरी दुनिया में एक कूबड़ वाले ऊँट 94% (ड्रोमेडरी) और 6% दो कूबड़ वाले (बैक्ट्रियन) ऊँट पाए जाते हैं !
ऊँट के कूबड़ में पानी नहीं बल्कि उसमें वसायुक्त ऊतक का जमाव होता हैं ! यह ऊँट के शरीर के बाकि हिस्सों में इंसुलेशन कम करने का काम करता है ! इसी वजह से गर्म रेगिस्तानी इलाकों में ऊँट जीवित रह सकते हैं !
जब ऊँट के शरीर में भोजन और पानी की कमी हो जाती हैं, तब ऊँट के कूबड़ का वसा पानी छोड़कर इसकी पूर्ति करता हैं !
ऊँटों की सभी प्रजातियों में ड्रोमेडरी ऊँट (Dromedary camels) आकार में सबसे बड़े होते हैं ! इनका वजन 450 से 650 किलो ग्राम होता है !
प्राचीन समय में ऊँटों की दो ज्ञात प्रजातियाँ पाई जाती थी (1) बैक्ट्रियन ऊँट या कैमलस बैक्ट्रियनस (Bactrian camels) (2) ड्रोमेडरी ऊँट या कैमलस ड्रोमेडेरियस (Dromedary camels)
बैक्ट्रियन ऊँट या कैमलस बैक्ट्रियनस (Bactrian camels) दो कूबड़ वाले ऊँट होते हैं, जो मध्य एशिया, विशेष रूप से मंगोलिया और चीन में पाए जाते हैं.
ड्रोमेडरी ऊँट या कैमलस ड्रोमेडेरियस (Dromedary camels) एक कूबड़ वाले ऊँट होते हैं, जो उत्तरी अफ्रीका, अरब और मध्य पूर्व में पाए जाते हैं !
ऊँट के दूध में गायों के दूध की तुलना में विटामिन सी और आयरन अधिक होता है और यह दूध सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता हैं !
आप ऊँट के शुद्ध दूध से बने मिल्कशेक का अबू धाबी में स्वाद ले सकते हो !
Desert nomad tribes में ऊँट का दूध काफ़ी प्रचलित है ! वे इसे एक संपूर्ण आहार मानते हैं और सिर्फ़ दूध पीकर एक माह तक रह सकते हैं !
कजाकिस्तान देश में ऊँट के दूध का उपयोग तपेदिक जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता हैं !
Arabian Peninsula में ऊँट के मूत्र (urin) का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे त्वचा एवं बालों संबंधी समस्या, हेपेटाइटिस एवं लीवर की अन्य समास्या, दांतों और शरीर दर्द आदि के इलाज के लिए दवाई के रूप में सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा हैं !
ऊँट के शरीर का तापमान दिन के समय 42 सेल्सियस और रात के समय 35 सेल्सियस के आसपास रहता हैं !
ऊँट के चले की गति सामान्यत 25 mph की होती है ! इस गति से तक ये आराम से चल सकते हैं ! अरब संस्कृति में ऊँट को धैर्य और सहनशीलता का प्रतीक माना जाता हैं !
मगर ऊँट 40 mph की गति से दौड़ सकते हैं ! लेकिन ऊँट दौड़ने की यह गति बहुत लंबे समय तक बनाए नहीं रख सकते !
जंगली ऊँट (Wild Bactrians Camel) एकमात्र इसी प्रजाति हैं, जिनको कभी भी पालतू नहीं बनाया गया !
ऊँटों की यह प्रजाति पूर्वी एशिया (Eastern Asia) की बंजर भूमि में पाई जाती हैं ! अब इस प्रजाति की संख्या 1000 से भी कम में बची हैं !
यूएई (UAE) में हर साल ऊँटों की सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता हैं ! जिसमें हजारों ऊँट खिताब के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं ! इस आयोजन का नाम हैं Al-Dhafra Camel Festival
प्राचीन समय से तुर्की (Turkey) में हर साल जनवरी महीने में ऊँटों की कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं ! मगर न तो पशु प्रेमी और न ही पशु अधिकार संगठन इस खेल से खुश हैं !
ऊँट के जीवनकाल के बारे में रोचक तथ्य
ऊँट एक अरबी शब्द है ! इसका शाब्दिक अर्थ होता हैं :- सुंदरता
ऊँट एक स्तनधारी और पालतू जानवर होता हैं !
ऊँट-प्रतिदिन उतना ही पानी पीते है, जितने पानी की उनमें कमी होती हैं !
मगर भरपूर प्यास लगने पर ऊँट एक बार में 140 लीटर तक पानी पी सकता हैं !
बिना भोजन और पानी के ऊँट 6 महीनो तक जिन्दा रह सकते हैं !
मगर ऊँट अपने खराब हाइड्रेटेड स्टैमिना के कारण बिना पानी के केवल 5 दिनों तक जिन्दा रह सकते हैं !
ऊँटों को पसीना बहुत कम आता हैं ! पसीना कम आने के कारण ये अपने शरीर में जमा पानी का क्षय रोकने में सक्षम होते हैं !
ऊँट अत्यधिक तापमान में अपने शरीर को नियंत्रित करने के लिए पसीना बहाते है ! ऊँट अपने शरीर के भार का 25% पसीने के रूप में बहा सकते हैं ! यदि अन्य जीव अपने शरीर के भार का 3-4% से अधिक पसीना बहा दे तो वे जीवित नहीं रह पाएंगे !
ऊँटों के बच्चे अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए वयस्क ऊँटों की तुलना में 50% ज्यादा पसीना बहाते हैं !
अधिकांश स्तनधारी 15% पानी की कमी होने पर निर्जलित हो जाते हैं ! मगर ऊँट प्रतिशत 25% पानी की कमी होने पर भी निर्जलित नहीं होते !
ऊँट अपनी नासिका (nostrils) में जल वाष्प रोककर रख सकते हैं ! और जरुरत पड़ने पर उसे शरीर में वापस ले सकते हैं !
7 वर्ष की उम्र होने पर नर ऊँट पूरी तरह से वयस्क हो जाते हैं ! और संभोग करने लायक हो जाते हैं !
मादा ऊँट (Camel) का प्रजनन काल 12 से 14 महीनों का होता हैं !
मादा ऊँट सामान्यतः प्रजनन काल में केवल एक बच्चे को जन्म देती हैं ! कभी-कभी मादा ऊँट के जुड़वाँ बच्चे भी होते हैं !
ऊंट के बच्चे को ‘calves’ कहा जाता है. जन्म के समय स्वस्थ ऊंट के बच्चे ‘calves’ का वजन 60 से 80 पाउंड तक का होता हैं !
जन्म के 30 मिनट के बाद ही ऊँट के बच्चे चलने लग जाते हैं ! फिर भी नवजात बच्चो को दो सप्ताह के होने तक इन्हें झुंड में शामिल नहीं किया जाता !
जन्म के बाद कुछ समय तक ऊँट के बच्चे अपनी माँ को मेमने की तरह “बा” की ध्वनि से पुकारते हैं !
ऊँट के बच्चे जब पैदा होते है, तो बिना कूबड़ के होते हैं ! परन्तु जब वह ठोस आहार खाने लायक हो जाते है, तब इनमें कूबड़ (hump) बढ़ने लगता हैं !
ऊँट रात में लगभग 6 घंटो तक सोते हैं ! और दिन में भी ये खड़े-खड़े भी सो सकते हैं !
पैरों की विशिष्ट जालीदार संरचना के कारण ऊँट आसानी से रेगिस्तान की रेत पर चल पाता है !
ऊँट की आँखों में 3 पलकें (eyelids) होती हैं ! दो पलके जो रेगिस्तान की धूल से आँखों का बचाव करती हैं ! वही तीसरी पलक बहुत पतली होती है, जो ऊँट की आँखों को साफ़ करने का काम करती है !
ऊँट के पैरों में खुर नहीं होते, बल्कि उसकी हर उंगलियों पर कठोर नाखून होते हैं !
ऊँट के कानो पर बाल होने के बाद भी उनकी सुनने की क्षमता अच्छी होती हैं !
अपने शरीर से ऊँट अत्यधिक पानी नहीं निकालते, इसलिए इनका मूत्र काफ़ी गाढ़ा होता हैं !
ऊँट का मल गोल और काफी कठोर होता है ! जिसको ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं !
आपको ऊँट के बारे में 51 रोचक तथ्य की यह जानकारी कैसी लगी ! कमेंट करके जरूर बताना ! आप अपने दोस्त, रिश्तेदारों को यह जानकारी शेयर जरूर करना और आप किस पक्षी या पशु के बारे में जानना चाहते हैं !उसके बारे में कमेंट करके जरुर बताना!