आदिनाथ जी की आरती हिंदी में
Adinath Ji Ki Aarti In Hindi
आदिनाथ भगवान की आरती : माता मरुदेवी ने चैत्र कृष्ण नवमी के दिन सूर्योदय के समय भगवान श्री आदिनाथ जी को जन्म दिया था ! जिनको श्री ऋषभदेव के नाम से भी जाना जाता हैं ! भगवान श्री आदिनाथ जी का सुनन्दा के साथ विवाह हुआ था ! राजा नाभि के पुत्र ऋषभदेव जो कि महान प्रतापी सम्राट हुये थे !
-: अन्य आरती संग्रह :-
श्री झूलेलाल आरती
गायत्री माता की आरती
परशुराम जी की आरती
रामदेव जी की आरती
******************
श्री आदिनाथ भगवान की आरती
आरती उतारूँ श्री आदिनाथ भगवान की,
माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की I
रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी,
आरती हो बाबा, आरती करू बाबा आपकी I
तुम धर्म धुरन्धर धारी, तुम ऋषभ प्रभु अवतारी I
तुम तीन लोक के स्वामी, तुम गुण अनंत सुखकारी II
इस युग के प्रथम विधाता, तुम मोक्ष मार्म के दाता I
जो शरण तुम्हारी आता, वो भव सागर तिर जाता II
हे… नाम हे हजारों ही गुण गान की… |
तुम ज्ञान की ज्योति जमाए, तुम शिव मारग बतलाए I
तुम आठो करम नशाए, तुम सिद्ध परम पद पाये II
मैं मंगल दीप सजाऊँ, मैं जगमग ज्योति जलाऊँ I
मैं तुम चरणों में आऊँ, मैं भक्ति में रम जाऊँ II
झूम झूम झूम नाचूँ करुँ आरती,
आरती उतारूँ आदिनाथ की I
II इति श्री आदिनाथ जी की आरती सम्पूर्ण II
भगवान ऋषभदेव जी की एक 84 फुट की विशाल प्रतिमा भारत के मध्य प्रदेश राज्य के बड़वानी जिले में बावनगजा नामक स्थान पर स्थित है ! और महाराष्ट्र के मांगीतुंगी में भी भगवान ऋषभदेव की 108 फुट की विशाल प्रतिमा विराजमान है।
भगवान श्री आदिनाथ जी की जब आयु चौदह दिन शेष रही, तब वे कैलाश पर्वत पर जाकर माघ पक्ष की कृष्ण चतुर्दशी को सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर अपना मुँह करके अनेक मुनियों के साथ सर्वकर्मों का नाशकर सिद्धलोक में जाकर विराजमान हो गये।
Related
1 Comment
[…] आदिनाथ भगवान की आरती […]